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Thursday 11 July 2024 02:40:44 PM
लंदन/ नई दिल्ली। केंद्रीय बंदरगाह नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टीके रामचंद्रन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लंदन में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन की परिषद के 132वें सत्र में भारतीय नाविकों की रिहाई के मुद्दे उठाए। प्रतिनिधिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक हित वाले आईएमओ परिषद के निर्वाचित सदस्य भारत की ओरसे नाविकों के परित्याग के मुद्दे उठाए। प्रतिनिधिमंडल ने बतायाकि वर्तमान में 292 भारतीय नाविकों से जुड़े 44 सक्रिय मामले हैं। ऐसे मुद्दों को हल करने केलिए प्रभावी उपायों और निगरानी की आवश्यकता पर भारत के रुख को अच्छी तरह से समझाया गया। नाविकों की रिहाई के मुद्दों को निरंतर संबोधित करने की अपनी प्रतिबद्धता के कारण भारत ने संयुक्त त्रिपक्षीय कार्य समूह में आईएमओ का प्रतिनिधित्व करने वाली आठ सरकारों में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है।
संयुक्त त्रिपक्षीय कार्य समूह नाविकों के मुद्दों और समुद्री संचालन में मानवीय मुद्दों की पहचान करने और उनसे निपटने केलिए समर्पित है। प्रस्तावित सदस्यों में फिलीपींस, थाईलैंड, लाइबेरिया, पनामा, ग्रीस, अमेरिका और फ्रांस भी शामिल हैं। टीके रामचंद्रन ने कहाकि भारत नाविकों की रिहाई के मुद्दे को हल करने, समुद्री कार्यबल की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने केलिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि आईएमओ परिषद के सत्र में भारत की भागीदारी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सहयोग और नवाचार केप्रति समर्पण को रेखांकित करती है। उन्होंने कहाकि सतत समुद्री परिवहन केलिए दक्षिण एशियाई उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और तकनीकी रूपसे उन्नत समुद्री प्रथाओं को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व का प्रमाण है। टीके रामचंद्रन ने कहाकि हम समुद्री क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने केलिए वैश्विक भागीदारों केसाथ सहयोग करने केलिए तत्पर हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लाल सागर, अदन की खाड़ी, आस-पास के क्षेत्रों में शिपिंग और व्यापार माल ढुलाई को प्रभावित करनेवाले व्यवधानों पर भी चिंता प्रकट की। समुद्री सुरक्षा और संरक्षण केलिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए प्रतिनिधिमंडल ने दो महत्वपूर्ण घटनाओं का हवाला दिया, जहां भारतीय नौसेना ने सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया है, इनमें मार्शल द्वीप के झंडे वाले कच्चे तेल वाहक एमवी मार्लिन लुआंडा का बचाव और सोमालिया के तट से जहाज एमवी रुएन को रोककर चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा और समुद्री डकैती के खतरों से प्रभावी ढंग से निपटना प्रमुख रूपसे शामिल था। भारत ने सतत समुद्री परिवहन केलिए दक्षिण एशियाई उत्कृष्टता केंद्र के अपने प्रस्ताव को दोहराया, जिसका उद्देश्य भारत और दक्षिण एशिया में समुद्री क्षेत्र को तकनीकी रूपसे उन्नत, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ एवं डिजिटल रूपसे कुशल उद्योग में बदलना है।
केंद्र सरकार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, तकनीकी सहयोग को बढ़ाने, क्षमता निर्माण और डिजिटल बदलाव पर ध्यान केंद्रित करेगी। आईएमओ के वैश्विक समुद्री प्रौद्योगिकी सहयोग केंद्रों के सहयोग से एसएसीई-एसएमएआरटी को विकसित करने में भारत के नेतृत्व को सतत समुद्री विकास के महत्वपूर्ण कदम के रूपमें उजागर किया गया। आईएमओ परिषद का यह 132वां सत्र 8 जुलाई को शुरू हुआ था और 12 जुलाई तक चलेगा, इसमें भविष्य के वैश्विक समुद्री परिचालन केलिए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों और प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।