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Sunday 1 September 2024 04:23:32 PM
देहरादून। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज देहरादून में राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के एक कार्यक्रम में कैडेट्स को बधाई और शुभकामनाओं से प्रेरित करते हुए कहाकि वे अपने संस्थान के आदर्श-बल विवेक को चरितार्थ करें, ताकत और ज्ञान विकसित करें, ताकि वे जीवन की बड़ी जंग को लड़ सकें। उन्होंने कहाकि ताकत और विवेक एक मजबूत संयोजन बनाते हैं, जो चुनौती का सामना करने पर अभेद्यता उत्पन्न करते हैं। राष्ट्रीय हित को सभी परिस्थितियों में सबसे ऊपर रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि देश की सेवा गर्व और निर्भीकता केसाथ करें, भारत माता आपका इंतजार कर रही है, भारत का भविष्य आपके कंधों पर है, हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें, आपका आचरण अनुशासन, शिष्टाचार और सहानुभूति का उदाहरण होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के पूर्व छात्रों और समुदाय से आग्रह कियाकि वे एक थिंक टैंक के रूपमें कार्य करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें तथा उन लोगों के खिलाफ़ कदम उठाएं, जो ग्राउंड रियलिटी से अज्ञात हैं और भारत की अद्वितीय आर्थिक वृद्धि, विकास यात्रा और वैश्विक मंच पर उन्नति को नहीं मानते। उपराष्ट्रपति ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 दिसंबर 1962 को राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के कैडेट्स को दिए गए भाषण को याद करते हुए दोहरायाकि ‘पृथ्वी बहादुरों की होती है, आत्मा में ताकत रखने वालों की होती है, आलसी और अक्षम लोगों की नहीं।’ उन्होंने कहाकि इस महान प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता की दुनिया में हमें आत्म नियंत्रण और बलिदान से जीवन जीना होगा, इन महान आदर्शों को जीवन में धारण करें।
राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज कैडेट्स को प्रेरित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि आपकी व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा में आप ऐसे क्षणों का सामना करेंगे जो आपको परखेंगे, ऐसे दिन आएंगे जब आपकी धैर्यता कम हो जाएगी और थकावट बढ़ेगी, आप सभी अपने-अपने संघर्षों का सामना करेंगे, लेकिन याद रखेंकि जो लोग चुनौती का सामना करते हैं और विपरीत परिस्थितियों में जोखिम उठाते हैं, वे ही साहस और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। विफलता के भय को विकास का सबसे बड़ा हत्यारा बताते हुए जगदीप धनखड़ ने कैडेट्स से कहाकि जीवन में कभी विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है, डर की भावना आपकी प्रतिभा के उपयोग और आपके संभावनाओं की वास्तविकता में बाधा डालती है। उन्होंने कहाकि हमेशा याद रखें, डर हमारे विकास की यात्रा का आवश्यक हिस्सा है।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन को याद करें, चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया और भारत इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला पहला राष्ट्र बन गया। राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज और सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती की सराहना करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि ये कदम लिंग समानता और न्याय केलिए महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाक हमारी महिलाएं लड़ाकू विमानों की पायलट हैं, वे अंतरिक्ष मिशनों की कमान संभाल रही हैं और हर रुकावट को तोड़ रही हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं केलिए एक तिहाई आरक्षण निश्चित रूपसे एक गेम चेंजर होगा। इस अवसर पर उत्तराखंड के गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल, कैडेट्स, शिक्षक और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।