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Tuesday 24 September 2024 12:35:15 PM
जयपुर। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशभर में सार्वजनिक और निजी साझेदारी के जरिए 100 नए सैनिक स्कूल खोलने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप जयपुर में सैनिक स्कूल का समारोहपूर्वक उद्घाटन किया। गौरतलब हैकि रक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और निजी स्कूलों के सहयोग से इन 100 स्कूलों में से 45 स्कूलों को मंजूरी दी है, इनमें से चालीस स्कूलों में पढ़ाई बाकायदा शुरू भी हो चुकी है, जिनमें सैनिक स्कूल जयपुर एक है। रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि यह सैनिक स्कूल राज्य के युवाओं केलिए वरदान साबित होगा, क्योंकि उन्हें यहां सैनिक परिवेश में सशस्त्र बलों में शामिल होने और देशकी सेवा करने केलिए उचित मार्गदर्शन एवं आवश्यक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि राजस्थान महान योद्धा महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराज सूरजमल और सवाई जय सिंह जैसे शूरवीरों की भूमि है, ये स्कूल युवा पीढ़ी केलिए सेना में शामिल होने केलिए प्रेरणा हैं और सैनिक स्कूल उन्हें अपनी मातृभूमि की सेवा करने की सटीक दिशा प्रदान करेगा। रक्षामंत्री ने कहाकि पीपीपी मॉडल आमतौर पर ‘सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी’ माना जाता है, लेकिन अब यह सहयोग अपनी मानक परिभाषा से परे हट रहा है और इसे अब निजी एवं सार्वजनिक भागीदारी के रूपमें देखा जारहा है। उन्होंने कहाकि निजी क्षेत्र अब देशकी अर्थव्यवस्था में चालक की भूमिका में है, जो कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रोंमें व्यापक योगदान दे रहा है। उन्होंने कहाकि इन नए सैनिक स्कूलों के माध्यम से निजी और सार्वजनिक क्षेत्र एकजुट होंगे और हमारी भावी पीढ़ियों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करेंगे। साझेदारी मोड में 100 नए सैनिक स्कूल पूर्ववर्ती पैटर्न केतहत पहले से ही चलरहे मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों के अलावा हैं, ये नए स्कूल संबंधित शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होनेके अलावा सैनिक स्कूल सोसायटी के तत्वावधान में काम करेंगे और इसके नियम कायदों का पालन करेंगे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जोकि स्वयं उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री रहे हैं, ने शिक्षा को राष्ट्र के विकास में सबसे अहम क्षेत्र बताते हुए बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने की दिशामें सैनिक स्कूलों के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिससे कि एक मजबूत भावी पीढ़ी तैयार हो सके। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि सैनिक स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को अनुशासन, देशभक्ति और साहस का पाठ भी पढ़ाते हैं। उन्होंने कहाकि विद्यार्थियों का व्यक्तित्व और सर्वांगीण विकास उन्हें राष्ट्र को आगे लेजाने केलिए प्रेरित करता है। रक्षामंत्री ने उल्लेख कियाकि वर्तमान थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी सैनिक स्कूल रीवा के प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने कहाकि सैनिक स्कूलों के विद्यार्थी न केवल सशस्त्र बलों में बल्कि किसीभी अन्य क्षेत्र में अपना करियर चुन सकते हैं और अपने तरीके से देशकी सेवाकर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित कियाकि वे कभीभी हार न मानें तथा अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए निरंतर कड़ी मेहनत करते रहें।
देश के सैनिक स्कूल अपने नियमित संबद्ध बोर्ड पाठ्यक्रम के अलावा सैनिक स्कूल पैटर्न के छात्रों को अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम की शिक्षा प्रदान करेंगे। पाठ्यक्रम में मूल्य आधारित पहल शामिल हैं, जैसेकि महिला-पुरुष समानता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर बहस, कौशल आधारित प्रशिक्षण, पाठ्येतर कार्यकलाप, सामुदायिक सेवा, शारीरिक प्रशिक्षण, एनसीसी, पर्यटन, भ्रमण और प्रेरक वार्ताएं। सैनिक स्कूल पैटर्न के अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने वाला सदस्य बनाया जा सके। सितंबर 2023 में सैनिक स्कूल सोसायटी रक्षा मंत्रालय ने श्रीभवानी निकेतन पब्लिक स्कूल जयपुर में एक नया सैनिक स्कूल खोलने केलिए श्रीभवानी निकेतन शिक्षा समिति केसाथ एक सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किए थे। सैनिक स्कूल जयपुर के उद्घाटन पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और राजस्थान सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेलमंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर (सेवानिवृत्त) और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।