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Thursday 3 October 2024 05:56:11 PM
उदयपुर (राजस्थान)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को शैक्षिक उत्कृष्टता केलिए उपाधियां और पदकों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से प्रेरणाप्रद संबोधन में कहाकि ज्ञान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें यह तेजीसे बदलाव का समय है, इस परिवेश में अपनी शिक्षा की उपयोगिता बनाए रखना उनके लिए जरूरी है, यानी उनको निरंतर विद्यार्थी की मानसिकता ‘छात्र की भावना’ को बनाए रखना होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि परिवेश, शिक्षा और संस्कारों में व्याप्त कारणों से कुछ लोग अंधस्वार्थ का मार्ग पकड़ लेते हैं, परंतु सबके हित को प्राथमिकता देने की विचारधारा उनकी प्रतिभा को और अधिक विकसित करेगी। राष्ट्रपति ने कहाकि देश ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जो युवा पीढ़ी के योगदान से ही प्राप्त करना संभव हो सकेगा। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि युवा बढ़चढ़कर राष्ट्र निर्माण में यथाशक्ति सर्वाधिक योगदान देंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छात्रों से ऐसा कोई काम न करने का आग्रह किया, जिससे उनका चरित्र कमजोर हो। उन्होंने कहाकि उच्चतम नैतिक मूल्य उनके आचरण और कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए, उनके जीवन के हर पहलू में ईमानदारी हो और उनका हर कार्य न्यायपूर्ण और नैतिक होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि शिक्षा व्यक्तित्व के विकास और सशक्तिकरण का सबसे अच्छा माध्यम है, वे यह जानकर खुश हैंकि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय छह दशक से ज्यादा समय से उच्चशिक्षा प्रदान कररहा है और बड़ी बात यह हैकि यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या है। उन्होंने कहाकि समावेशी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय की दिशामें विश्वविद्यालय का यह एक महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्रपति को यह जानकर भी खुशी हुईकि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने कई गांवों को गोद लेकर छात्रों को इन गांवों के विकास कार्यों में शामिल किया हुआ है। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के सामाजिक उत्तरदायित्व की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों की एक प्रभावशाली सूची है, जिन्होंने राजनीति, शिक्षा, खेल, प्रशासन जैसे विविध क्षेत्रों में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहाकि विश्वविद्यालय से संलग्न शासकीय मीरा गर्ल्स कॉलेज राजस्थान में सबसे बड़े महिला महाविद्यालयों में से एक है और यूनिवर्सिटी के गर्ल्स कॉलेज की स्थापना, महिला अध्ययन केंद्र जैसे प्रयास महिला सशक्तीकरण में सहायक सिद्ध होंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उल्लेख कियाकि मेवाड़ और उदयपुर की महान विभूतियों ने स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यह क्षेत्र सदियों से राष्ट्र की अस्मिता के संघर्ष का साक्षी है। उन्होंने कहाकि राणा सांगा, महाराणा प्रताप और भक्तिकाल की महान संत कवयित्री मीराबाई की शक्ति और भक्ति का संगम भी यही क्षेत्र माना जाता है, यहां की जनजातियां इस क्षेत्रका ही नहीं, बल्कि पूरे देश का गौरव हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहाकि उन्हें यहां के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए, इससे उनको भारत की गौरवशाली परंपराओं की जानकारी मिलेगी, साथही उनका ऐसे विलक्षण व्यक्तित्वों की जीवनगाथा से परिचय होगा, जो उनके लिए आदर्श हो सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि स्वाधीनता संग्राम के दौरान रियासतों में लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग केलिए प्रजा मंडल बनाए गए थे, इस क्षेत्रमें गठित मेवाड़ प्रजा मंडल को माणिक्य लाल वर्मा, बलवंत सिंह मेहता और भूरेलाल बया जैसी विभूतियों ने नेतृत्व प्रदान किया है, मोहनलाल सुखाड़िया मेवाड़ प्रजा मंडल के महासचिव हुए, जिनके नाम पर यह विश्वविद्यालय है। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि मोहनलाल सुखाड़िया लंबे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं।