स्वतंत्र आवाज़
word map

'प्रशासनिक अधिकारी भारत के भविष्य निर्माता'

अधिकारी नागरिक केंद्रित शासन को बढ़ावा दें-राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह

लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में अधिकारियों को संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 13 October 2024 01:23:10 PM

dr jitendra singh

मसूरी। प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक विभाग सहित कई औरभी केंद्रीय विभागों में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के 99वें फाउंडेशन कोर्स के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उनको स्वयं को भारत के भविष्य के निर्माता के रूपमें देखने केलिए प्रोत्साहित किया, खासकर जब देश 2047 तक एक विकसित देश बनने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। राज्यमंत्री ने अधिकारियों से कहाकि उनमें से हरएक कल के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उनके निर्णयों का 2047 के भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने भारत में शासन के उभरते परिदृश्य को समझने और सही रास्ता दिखाने केलिए निरंतर सीखने और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से अनुकूलनशील रहने, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और नागरिक केंद्रित शासन को बढ़ावा देने को कहा, क्योंकि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशामें तेजीसे आगे बढ़ रहा है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने एक मजबूत और नागरिक केंद्रित प्रशासन को बढ़ावा देने में प्रशासनिक सेवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और तेजीसे विकसित होरहे समाज की चुनौतियों का सामना करने केलिए निरंतर सीखने और अनलर्निंग की जरूरत को रेखांकित किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार के ‘अधिकतम शासन न्यूनतम सरकार’ सिद्धांत पर ध्यान आकर्षित किया, जिसने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में विलम्ब होने की स्थिति को कम करने और पारदर्शिता के उद्देश्य से सुधारों का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने शासन में प्रौद्योगिकी के महत्व, नागरिकों और सरकारी अधिकारियों केलिए प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहाकि शासन में सुगमता का अर्थ है-नागरिकों की बढ़ती भागीदारी अधिक पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी का प्रभावकारी इस्तेमाल। उन्होंने पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने केलिए नवाचार और स्टार्टअप में उल्लेखनीय वृद्धि की प्रशंसा की। उन्होंने कनिष्ठ पदों केलिए साक्षात्कार को समाप्त करने और पुरानी पेंशन नीतियों का उल्लेख करते हुए अप्रचलित नियमों को हटाने और प्रशासनिक सेवा में जवाबदेही संबंधी सुधार करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन उपायों को शासन को समकालीन जरूरतों और मूल्यों केसाथ जोड़ने हेतु आवश्यक बताया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मिशन कर्मयोगी पहल एक दूरदर्शी प्रशिक्षण मॉड्यूल है और ये प्रशासिनिक अधिकारियों को नई भूमिकाओं केलिए जल्दीसे अनुकूलित करने में सक्षम बनाकर सुनिश्चित करती हैकि वे विभिन्न विभागों में प्रभावकारी ढंग से अपने कार्य का निष्पादन कर सकें। डॉ जितेंद्र सिंह सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता अभियान जैसी पहलों के सफल कार्यांवयन पर भी बोले, जिसने न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दिया, बल्कि इसने इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप के निपटान से महत्वपूर्ण राजस्व भी प्राप्त किया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने दोहरायाकि आजके युवा प्रशासनिक अधिकारी भारत के सबसे आशाजनक युगों मेंसे एकसे गुजर रहे हैं और उनके पास 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशामें देश की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि वे केवल वर्तमान का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि भारत के भविष्य के संरक्षक भी हैं। उन्होंने अधिकारियों से निरंतर सुधार की मानसिकता अपनाने का आग्रह करते हुए यह टिप्पणी की।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]