स्वतंत्र आवाज़
word map

हरिद्वार में 4 नवंबर से होगा माँ गंगा महोत्सव

चंडी घाट पर पहली बार गंगा उत्सव मनाने की जोरदार तैयारियां

गंगा महोत्सव में होंगे घाट पर हाट और गंगा संवाद जैसे कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 26 October 2024 06:33:08 PM

maa ganga festival in haridwar from november 4

हरिद्वार। हरिद्वार में आस्था और मनोकामना की प्रख्यात शक्तिपीठ चंडी देवी के नाम से विख्यात चंडी देवी घाट पर 4 नवंबर को गंगा उत्सव-2024 होने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत गंगा नदी को 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हर वर्ष चंडी घाट पर यह आयोजन होता है, जिसमें दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालू लोग शामिल होते हैं। गंगा उत्सव का मुख्य उद्देश्य माँ गंगा के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और गंगा की स्वच्छता के प्रति जन जागरुकता बढ़ाना है। गंगा उत्सव का यह आठवां संस्करण होगा जो पहली बार माँ गंगा के किनारे मनाया जाएगा। यह आयोजन गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियां भी मनाएंगी। इसके अलावा प्रत्येक राज्य में एक मुख्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
माँ गंगा उत्सव अत्यंत धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इसका नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल कर रहे हैं। गंगा उत्सव के उद्घाटन समारोह में अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे, इनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्यमंत्री राज भूषण चौधरी और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी विशेष रूपसे शामिल हैं। इनके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के महत्वपूर्ण राजनेता और अधिकारी, आध्यात्मिक धर्मावलंबी साधु-संत भी कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। यह आयोजन बीएसएफ के सहयोग से आयोजित होने वाले आगामी गंगा महिला राफ्टिंग अभियान के फ्लैग-ऑफ समारोह का भी हिस्सा होगा। पचास दिन तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा। यह ऐतिहासिक अभियान गंगा बेसिन के पांच प्रमुख राज्यों के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाने वाली कई गतिविधियों केसाथ संयोग करेगा।
गंगा उत्सव के इस वर्ष के कार्यक्रम को नदी उत्सव के एक मॉडल कार्यक्रम के रूपमें प्रस्तुत किया जाएगा। रिवर सिटी एलांयस के तत्वावधान में कई नदी शहरों द्वारा इसमें भाग लेने की संभावना है। इस गठबंधन का गठन देशभर के 145 नदी शहरों को सम्मिलित करके किया गया है। गठबंधन का मुख्य उद्देश्य एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर नदी-संवेदनशील शहरी योजना के माध्यम से स्वच्छ और सतत प्रवाहित होने वाली नदियों को सुनिश्चित करना है, जिसे सभी लोग उत्सव के रूपमें मनाएंगे, जिससे कि समावेशी और सतत शहरी विकास केलिए जल सुरक्षित शहरों का निर्माण हो सके। यह उत्सव सनातन समाज में नदियों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूपमें कार्य करेगा। उत्सव के दौरान गंगा संवाद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं केबीच विचार-विमर्श होगा। कार्यक्रम के अंतर्गत एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
गंगा महोत्सव में ‘घाट पर हाट’ नामक एक कार्यक्रम भी होगा, साथही स्थानीय विभागों के विभिन्न स्टॉल के माध्यम से नमामि गंगे पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। बच्चों को नदी संरक्षण के प्रति जागरुक करने केलिए उनसे संबंधित विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रश्नोत्तरी, फ़िल्म प्रदर्शन, जादू शो, कठपुतली शो, और चित्रकला प्रतियोगिताएं होंगी। युवा पीढ़ी में नदी संरक्षण केप्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे। एक विशेष सत्र में नदियों की सांस्कृतिक यात्रा और उनसे जुड़ी कहानियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नमामि गंगे पर एक प्रदर्शनी भी होगी, जिसमें इस पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। गंगा महोत्सव के उत्सव में एक छोटा खाद्य महोत्सव भी होगा। गंगा नदी भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और गंगा उत्सव के माध्यम से इस धरोहर और इसके महत्व को और ज्यादा गहराई से समझने का प्रयास किया जाएगा। यह कार्यक्रम गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने और नदी के ऐतिहासिक एवं पवित्र चरित्र को बनाए रखने में मदद करेगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]