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Saturday 4 January 2025 03:05:27 PM
गुवाहाटी। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संयुक्त रूपसे गुवाहाटी में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया। इस मौके पर एनआईईएलआईटी और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का उत्तर पूर्वी राज्यों में 5 सहित 12 स्थानों का भी उद्घाटन हुआ। एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत आनेवाले इस एकमात्र विश्वविद्यालय को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में राष्ट्र को समर्पित किया गया।
भारत में सेमीकंडक्टर कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को सहयोगात्मक रूपसे बढ़ाने केलिए एनआईईएलआईटी और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) केबीच समझौता ज्ञापन पर एनआईईएलआईटी के महानिदेशक डॉ एमएम त्रिपाठी और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ एवं एमडी डॉ रणधीर ठाकुर ने हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का मकसद कौशल केंद्र स्थापित करना, डिप्लोमा और प्रमाणन कार्यक्रम विकसित करना तथा सेमीकंडक्टर एटीएमपी (असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग) प्रौद्योगिकियों में कार्यशालाएं आयोजित करना है। टीएसएटी तकनीकी विशेषज्ञता और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगा, जबकि एनआईईएलआईटी शिक्षा, प्रशिक्षण और आउटरीच पर ध्यान केंद्रित करेगा। दोनों संगठन भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रमें अवसर पैदा करने पर विशेष जोर देते हुए संयुक्त रूपसे अनुसंधान और वित्त पोषण पहल को भी आगे बढ़ाएंगे।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और उद्योग 4.0 केलिए एक अग्रणी केंद्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि इस पहल का उद्देश्य एक ऐसा कुशल कार्यबल तैयार करना है, जो उद्योग की बढ़ती मांगों को पूरा कर सके। अश्विनी वैष्णव ने कहाकि यह विश्वविद्यालय छात्रों को तेजीसे बदलते तकनीकी माहौल में आगे बढ़ने केलिए ज़रूरी कौशल से लैस करने में अहम भूमिका निभाने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि अब नॉर्थ ईस्ट का मतलब न्यू इंजन है, जो देशके विकास और प्रगति का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहाकि एनआईईएलआईटी विश्वविद्यालय सेमीकंडक्टर निर्माण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, उद्योग 4.0 और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रोंमें पेशेवरों को तैयार करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
अश्विनी वैष्णव ने बतायाकि एनआईईएलआईटी का नया परिसर गुवाहाटी केपास जगीरोड में विकसित किया जाएगा, जो सेमीकंडक्टर निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर केंद्रित होगा। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा ने कहाकि हम एक ऐसे भविष्य की तैयारी कर रहे हैं, जहां दुनिया मेड इन इंडिया और मेड इन असम सेमीकंडक्टर चिप्स पर निर्भर होगी। उन्होंने इस बढ़ते क्षेत्रका समर्थन करने केलिए कुशल कार्यबल और प्रशिक्षित जनशक्ति की ज़रूरत है एवं इस क्षेत्रमें सेमीकंडक्टर उद्योग के विकसित होने की ज़बरदस्त क्षमताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि इससे स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देने और नौकरी के अवसर पैदा करने की प्रतिबद्धता रेखांकित होती है, यहभी सुनिश्चित होता हैकि असम वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अहम भूमिका निभाएगा। डॉ हिमंता बिस्वा सरमा ने कहाकि असम सरकार ने केवल एकदिन के रिकॉर्ड समय में जगीरोड में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) विश्वविद्यालय केलिए भूमि आवंटन को मंजूरी दी है, यह प्रधानमंत्री और अश्विनी वैष्णव की दूरदर्शिता एवं नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया।
असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहाकि एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का शुभारंभ एक ऐतिहासिक क्षण है, यह विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, उद्योग 4.0, सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रोन तकनीक, साइबर सुरक्षा और फोरेंसिक, बायोइन्फॉरमैटिक्स और कई अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों में उच्च शिक्षा प्रदान करेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विनिर्माण सुविधा की प्रगति की समीक्षा करने केलिए जगीरोड स्थित टाटा सेमीकंडक्टर संयंत्र का दौरा किया। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, जो एमईआईटीवाई केतहत एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है को शिक्षा मंत्रालय की विशिष्ट श्रेणी केतहत डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। रोपड़ (पंजाब) में अपने मुख्य परिसर और आइजोल, अगरतला, औरंगाबाद, कालीकट, गोरखपुर, इंफाल, ईटानगर, केकरी, कोहिमा, पटना और श्रीनगर में स्थित 11 घटक इकाइयों केसाथ एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का लक्ष्य डिजिटल प्रौद्योगिकी को लेकर उच्च शिक्षा में क्रांति लाना है।
एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, उद्योग 4.0, सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, फोरेंसिक, बायोइन्फॉरमैटिक्स और कई उन्नत व उभरते क्षेत्रोंमें स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी प्रदान करता है। इसके तहत पाठ्यक्रम को उद्योग जगत के अनुभवी लोगों के सहयोग से बेहद बारीकी से डिजाइन किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि छात्र बाज़ार की मांगों के अनुरूप कौशल हासिल करें, जिससे वे पहले दिन से ही नौकरी केलिए तैयार हो सकें। एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप है, जो शिक्षा क्षेत्रमें पहुंच, लचीलेपन और उद्योग की प्रासंगिकता पर जोर देती है। इसमें देशभर के छात्रों की विविध ज़रूरतों को पूरा करने केलिए वर्चुअल लैब, इमर्सिव कंटेंट और एआई संचालित निजीकृत शिक्षण समाधान जैसी सुविधाएं शामिल हैं। संस्थान का मिशन डिजिटल विभाजन को पाटना है, जिसके तहत टियर -2 और टियर -3 शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों और उत्तर पूर्वी राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, साथही यह सुनिश्चित करता हैकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देश के सबसे दूरदराज के क्षेत्रों तकभी पहुंचे।
एनआईईएलआईटी अगले पांच साल में उभरती तकनीकों में 3.7 मिलियन से अधिक छात्रों को कुशल बनाने के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण केसाथ विचारकों, नवप्रवर्तकों और समाज को आगे ले जानेवाली प्रतिभाओं की एक नई पीढ़ी को बढ़ावा देने केलिए प्रतिबद्ध है, जो भारत के डिजिटल परिवर्तन की यात्रा को आगे बढ़ाएगी। वर्ष 1994 से एनआईईएलआईटी केपास सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी (आईईसीटी) में प्रशिक्षण और कौशल विकास की एक समृद्ध विरासत है। एनआईईएलआईटी 50+ केंद्रों, 700+ मान्यता प्राप्त संस्थानों और 9,000+ सुविधा केंद्रों के अपने व्यापक नेटवर्क के ज़रिए भारतभर में छात्रों एवं पेशेवरों को उद्योग से संबंधित ज़रूरी ज्ञान और क्षमताओं केसाथ सशक्त बना रहा है।