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उत्तराखंड के हर्षिल में सालभर शीतकालीन पर्यटन

प्रधानमंत्री ने की पुष्कर सिंह धामी सरकार की पर्यटन पहलों की सराहना

सालभर पर्यटन की पहल से रोज़गार और आर्थिक विकास के रास्ते खुले

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Thursday 6 March 2025 06:23:25 PM

prime minister praised the tourism initiatives of dhami government

हर्षिल (उत्तरकाशी)। उत्तराखंड का हर्षिल आज शीतकालीन पर्यटन से गुलजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाकर ट्रेक और बाइक रैली को रवाना किया तो कहाकि इससे न केवल एडवेंचर टूरिज्म को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं केलिए पर्यटन उद्योग से रोज़गार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को पर्यटन, तीर्थाटन और रोमांचक खेलों का विश्वस्तरीय केंद्र बनाने की दिशा में पुष्कर सिंह धामी सरकार की दिल खोलकर प्रशंसा की। गौरतलब हैकि उत्तराखंड सरकार ने अपने यहां शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था, होमस्टे, पर्यटन व्यवसाय का रोमांच देश-विदेश को अपनी ओर खींच रहा है। प्रधानमंत्री ने मुखवा में माँ गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर पूजा अर्चना और दर्शन किए। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र जीवनदायिनी माँ गंगा का शीतकालीन निवास स्थान है। वे माणा गांव में मजदूरों के हताहत होने की दुखद घटना से भी द्रवित थे और उन्होंने जान गंवाने वालों के परिजनों केप्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्गारों में कहाकि उत्तराखंड देवभूमि है, यह आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत, चार धाम तथा अनगिनत पवित्र स्थलों से धन्य है। उन्होंने कहाकि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, माँ गंगा के आशीर्वाद ने उन्हें काशी तक पहुंचाया, जहांसे अब वे सांसद हैं। उन्होंने काशी में अपने एक वक्‍तव्‍य को याद करते हुए कहाकि माँ गंगा ने उन्हें बुलाया है और उन्होंने हालही में महसूस भी किया हैकि माँ गंगा ने अब उन्हें स्वीकार कर लिया है। नरेंद्र मोदी ने इसे माँ गंगा का अपने बच्चे केप्रति स्नेह और प्रेम बताया, जो उन्हें मुखवा गांव में उनके मायके ले आया है, जहां उन्हें मुखीमठ-मुखवा में दर्शन पूजा करने का सौभाग्‍य प्रदान किया है। हर्षिल की महिलाओं यानी दीदी-भुलिया के स्नेह की मधुर यादों को अभिव्‍यक्त करते हुए नरेंद्र मोदी ने हर्षिल के राजमा और स्थानीय उत्पाद भेजने के उनके विचारशील भावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने गर्मजोशी से जुड़ाव और उपहारों केलिए उनका आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की यात्रा को याद किया, जहां उन्होंने घोषणा की थीकि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने कहाकि उन शब्दों के पीछे की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ से मिली थी, उनके आशीर्वाद से ही यह पर्यटन विजन वास्तविकता बनता जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उत्तराखंड की प्रगति के नए-नए रास्ते खुल रहे हैं, जो राज्य के गठन के उद्देश्य और आकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं, उत्तराखंड के विकास की प्रतिबद्धताएं निरंतर उपलब्धियों में बदल रही हैं। उन्होंने कहाकि शीतकालीन पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिक क्षमता का दोहन करने में सहायता करेगा। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार को इस अभिनव प्रयास केलिए बधाई दी और राज्य की प्रगति केलिए शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यटन क्षेत्रमें विविधता लाना और इसे सालभर चलने वाली गतिविधि बनाना उत्तराखंड केलिए जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तराखंड में कोई ऑफ सीजन नहीं हो और यह हर मौसम में फलता-फूलता रहे। उन्होंने कहाकि पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, मार्च, अप्रैल, मई और जून में तो पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है, हालांकि वर्षाकाल और सर्दियां आने के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आ जाती है, जिससे अधिकांश होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने कहाकि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव आ जाता है और पर्यावरण केलिए भी चुनौतियां बढ़ जाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान कियाकि सर्दियों में उत्तराखंड की यात्रा कर देवभूमि की दिव्य आभा के अलौकिक दृश्यों और झलक का आनंद उठाएं। उन्होंने सर्दियों में यहां ट्रैकिंग और स्कीइंग के रोमांच से जुड़ी गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपना अनुभव सुनाया कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं केलिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव के धार्मिक समारोहों को उत्तराखंड की प्राचीन और महत्‍वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि इस पर्यटन से यहां सालभर रोज़गार पैदा होंगे और स्थानीय आबादी की अर्थव्यवस्था और उत्तराखंड के युवाओं को काफी लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्र और हमारी राज्य सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का काम कर रही है, बीते दशक में चारधाम ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेसवे और रेलवे, हवाई और हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार यहां की प्रगति के कारक बन गए हैं। उन्होंने कहाकि केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी गई है, जिससे केदारनाथ रोपवे यात्रा 8-9 घंटे से घटकर लगभग 30 मिनट रह जाएगी, जिससे बुजुर्गों और बच्चों केलिए यह यात्रा और अधिक सुलभ हो जाएगी।
उत्तराखंड की पहाड़ियों पर इको-लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर और हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि टिम्मर सैन महादेव, माणा गांव, जादुंग गांव जैसे स्थानों में पर्यटन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का नए सिरे से विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि सरकार ने यह सुनिश्चित किया हैकि 1962 में खाली हो चुके माणा और जादुंग गांवों को फिरसे बसाया जाए, जिसके परिणामस्वरूप एक दशक में उत्तराखंड आनेवाले पर्यटकों की संख्या में अत्‍यधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने बतायाकि 2014 से पहले सालाना औसतन 18 लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आते थे, जो अब बढ़कर लगभग 50 लाख प्रतिवर्ष हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसवर्ष के बजट में 50 पर्यटन स्थलों को विकसित करने और इन स्थानों पर होटलों को आधारभूत संरचना का दर्जा देने का प्रावधान शामिल है, इससे पर्यटकों केलिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों को भी पर्यटन से लाभांवित करने के प्रयासों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जिन गांवों को कभी अंतिम गांव कहा जाता था, उन्हें अब देश का प्रथम गांव कहा जा रहा है। उन्होंने उनके विकास केलिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर प्रकाश डाला, जिसके तहत इस क्षेत्रके 10 गांव शामिल किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नेलोंग और जादुंग गांव को फिरसे बसाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने घोषणा कीकि होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना केतहत लाभ दिया जाएगा, उन्होंने होमस्टे को बढ़ावा देने पर उत्तराखंड सरकार द्वारा ध्यान देने की सराहना की। देशभर के लोगों खासतौर पर युवाओं से विशेष अपील करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि सर्दियों में देश के अधिकांश हिस्सों में कोहरा छाया रहता है, लेकिन पहाड़ियां धूप में नहाने का आनंद देती हैं, जिसे एक अनूठे अवसर में बदला जा सकता है। उन्होंने गढ़वाली में घम तपो पर्यटन की अवधारणा का सुझाव दिया, जिससे देशभर के लोगों को सर्दियों के दौरान उत्तराखंड आने केलिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने विशेष रूपसे कॉर्पोरेट जगत से इस क्षेत्र में बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनियां आयोजित करके शीतकालीन पर्यटन में भाग लेने का आग्रह किया है, जिसमें देवभूमि उत्तराखंड में एमआईसीई क्षेत्र की विशाल संभावनाओं पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तराखंड आगंतुकों को योग और आयुर्वेद से ऊर्जा से भरने के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों, निजी स्कूलों और कॉलेजों से उत्तराखंड की शीतकालीन भ्रमण यात्राएं आयोजित करने को कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाह शादी जैसे विशाल आयोजनों की अर्थव्यवस्था की ओर इशारा करते हुए देश के लोगों से कहाकि भारत में अन्य स्थानों का चयन करते समय सर्दियों में होनेवाली शादियों केलिए उत्तराखंड को प्राथमिकता देने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपनी ऐसी ही अपेक्षाएं व्यक्त कीं, क्योंकि यह दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड को सबसे ज्‍यादा फि‍ल्म अनुकूल राज्य का खिताब दिया गया है, जिससे उत्तराखंड सर्दियों के दौरान फि‍ल्म शूटिंग केलिए एक आदर्श स्थान बन सके। प्रधानमंत्री ने कई देशों में शीतकालीन पर्यटन की लोकप्रियता का उदाहरण दिया। उन्होंने उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों से इन देशों के मॉडल का अध्ययन करने का आग्रह किया, जिनमें होटल और रिसॉर्ट शामिल हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से ऐसे अध्ययनों से प्राप्त कार्रवाई योग्य बिंदुओं को सक्रिय रूपसे लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने स्थानीय परंपराओं, संगीत, नृत्य और व्यंजनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तराखंड के गर्म झरनों को वेलनेस स्पा में विकसित किया जा सकता है और शांत, बर्फ से ढके क्षेत्रों में शीतकालीन योग रिट्रीट का आयोजन किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग गुरुओं से उत्तराखंड में सालाना योग शिविर आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्तराखंड केलिए एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने केलिए सर्दियों के मौसम में विशेष वन्यजीव सफारी के आयोजन का भी सुझाव दिया। उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए चहुंमुखी विजन अपनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने युवा कंटेंट क्रिएटर्स से उत्तराखंड की शीतकालीन पर्यटन पहल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की। नरेंद्र मोदी ने उनसे उत्तराखंड में नए गंतव्यों की खोज करने और अपने अनुभवों को जनता केसाथ साझा करने को कहा। उन्होंने राज्य सरकार को उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए कंटेंट क्रिएटर्स से लघु फिल्में बनाने की प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि निकट भविष्य में यह क्षेत्र तेजीसे विकसित होगा। गौरतलब हैकि हज़ारों श्रद्धालु पहले से ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे शीतकालीन स्थलों की यात्रा करते आ रहे हैं, सरकार की पहलों से इनमें और बढ़ोत्तरी होगी। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा और बड़ी संख्या में उत्तराखंडवासी उपस्थित थे।

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