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Monday 10 March 2025 03:29:33 PM
हिसार (हरियाणा)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज हिसार में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहाकि बदलती वैश्विक मांगों के अनुरूप युवा पीढ़ी को तैयार करना उच्च शिक्षा संस्थानों का दायित्व है। राष्ट्रपति ने कहाकि देश के संतुलित और सतत विकास केलिए यह आवश्यक हैकि शिक्षा और प्रौद्योगिकी का लाभ गांवों तक पहुंचे और इन प्रयासों में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों की उल्लेखनीय भूमिका है। उन्होंने इसबात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रोंके विद्यार्थियों की बड़ी संख्या है। राष्ट्रपति ने कहाकि गुरु जम्भेश्वर के नामपर इस विश्वविद्यालय का नाम रखा गया है, वे महान संत और दार्शनिक थे, वे वैज्ञानिक सोच नैतिक जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण के प्रबल समर्थक थे, उनका मानना थाकि प्रकृति की रक्षा करना, सभी जीवों केप्रति दयाभाव रखना और सुरक्षा प्रदान करना मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आज जब हम पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं तो गुरु जम्भेश्वर की शिक्षाएं बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह कियाकि वे अपने गांव और शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व के बारेमें जागरुक करके उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने केलिए प्रेरित करें। राष्ट्रपति ने कहाकि उच्च शिक्षण संस्थानों में किए जानेवाले विश्वस्तरीय शोध भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूपमें स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय सदस्यों ने विभिन्न शोध एवं अनुसंधान परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, इसमें इनक्यूबेशन, स्टार्ट-अप, पेटेंट फाइलिंग और अनुसंधान परियोजनाओं केलिए विशेष विभाग हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि ये सभी प्रयास छात्रों में नवाचार एवं उद्यमिता की भावना विकसित करेंगे और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूपमें स्थापित करने में मदद करेंगे। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहाकि शिक्षा केवल ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का माध्यम न होकर संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण, नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता जैसे जीवन मूल्यों को विकसित करने का माध्यम है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि शिक्षा व्यक्ति को रोज़गार के योग्य बनाने केसाथ-साथ सामाजिक दायित्वों केप्रति जागरुक भी बनाती है। राष्ट्रपति ने कहाकि उद्यमिता विद्यार्थियों को सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में मददगार, उद्यमशील मानसिकता उन्हें अवसरों की पहचान करने, जोखिम उठाने और मौजूदा समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोजने में सक्षम बनाएगी। राष्ट्रपति ने कहाकि एक उद्यमी के रूपमें वे अपने नवोन्मेषी विचारों के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढ़ सकते हैं और समाज की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से रोज़गार पाने की मानसिकता के बजाय रोज़गार पैदा करने की मानसिकता अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि इस मानसिकता केसाथ आगे बढ़ने पर वे अपने ज्ञान और कौशल का समाज के कल्याण के लिए बेहतर तरीके से उपयोग कर सकेंगे और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दे सकेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी गुरु जम्भेश्वर के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज और देशकी प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे।