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Friday 12 July 2013 12:41:22 PM
देहरादून। उत्तराखंड में कल रात 11 बजकर 55 मिनट पर एक हैलिकॉप्टर ने उड़ान भरी और पहाड़ी में हो रही बरसात का सामना करते हुए गोचर एएलजी पर सफलतापूर्वक उतर गया। उत्तराखंड में गोचर स्थित आईटीबीपी मेस में आराम कर रहे पायलटों ने चेतावनी की तेज ध्वनि सुनी। सभी को इस क्षेत्र को खाली करने को कहा गया। पहाड़ी से चट्टानों के लुढ़क कर नीचे आने की आवाज़ आ रही थी। पायलट जोकि डीजी आईटीबीपी कमिटमेंट पर थे, उन्होंने यह अनुभव किया कि उनका एक हैलिकॉप्टर एएलएच एमके आई, आईटीबीपी हेलिपेड पर खड़ा है और भू-स्खलन के कारण इसे नुकसान पहुंच सकता है। पायलट इस उपकरण को छोड़ना नहीं चाहते थे और उनके पास एक ही विकल्प था कि बूंदा-बांदी और खबर मौसम में ही इसे रात्रि में उड़ाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए। हालांकि गोचर एएलजी मात्र पांच से सात मिनट तक की उड़ान थी, लेकिन प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके अतिरिक्त नियमों के मुताबिक रात्रि के समय पहाड़ों पर उड़ान की अनुमति नहीं है। पायलटों ने कार्यबल कमांडर एयर कॉमोडोर राजेश इस्सर से सलाह मांगी। बातचीत के बाद कार्यबल कमांडर को इस कार्य को पूरा करने के बारे में पायलटों की क्षमता पर पूरा विश्वास था। उन्होंने इस मिशन के बारे में पायलटों को बताया तथा गोचर स्थित अन्य पायलटों एवं एटीसी को उपलब्ध संसाधनों के अनुकूल टॉर्च एवं प्रकाशयुक्त गाड़ियों से एएलजी तक पहुंचने का निर्देश दिया।
इस क्षेत्र में सैकड़ों तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकालने के बाद पायलटों के लिए इस हैलिकॉप्टर को सुरक्षित निकालने की बारी थी। प्रशिक्षित पायलट अपने इस उपकरण को प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए नहीं छोड़ना चाहते थे। उन्होंने इसमें सफलता हासिल की।