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Monday 19 August 2013 11:46:25 AM
नई दिल्ली। सरकार राष्ट्रीय आर्गेनिक फार्मिंग परियोजना (एनटीओएफ), राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों के लिए बागवानी मिशन (एचएमएनईएच) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की आर्गेनिक फार्मिंग नेटवर्क परियोजना (आईसीएआर) के जरिए आर्गेनिक फार्मिंग को प्रोत्साहित कर रही है।
एनएचएम, एचएमएनईएच तथा आरकेवीवाई योजनाओं के तहत छोटे छोटे टुकड़ों में किसानों की जमीन के प्रमाणीकरण तथा आर्गेनिक उत्पादक इकाईयां स्थापित करने के लिए राज्यों को समर्थन दिया जा रहा है। वर्ष 2012-13 में आर्गेनिक प्रमाणीकरण के तहत 5.21 मिलियन हेक्टेयर जमीन थी। वर्ष 2013-14 में एनपीओएफ, एनएचएम तथा आईसीएआर के तहत क्रमश: 427.00 लाख रूपये, 1215.15 लाख तथा 120.00 लाख रूपये धन आवंटित किये गए।
एनपीओएफ के तहत उर्वरकों पर सब्सिडी बचत करने वाले किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन एनएचएम के सहायता दी जा रही है। यह जानकारी राज्य सभा में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री तारिक अनवर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
मशीनों से धान रोपाई को प्रोत्साहन
उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि मेकेनिकल तरीके से यानी मशीनों से पौध रोपण के लिए ट्रांसप्लांटर्स (रोपाई मशीन) प्रतिष्ठित निर्माता बना रहे हैं। इस पौध रोपण माशीनों में शइडिंग टाइप, वाक-बिहाइन्ड टाइप और मैनुअल टाइप की मशीने हैं, जो 4, 6 और 8 कतारों में रोपण की क्षमता रखती हैं। सभी प्रकार की मशीनों को डिमोस्ट्रेशन कार्यक्रमों के जरिए लोकप्रिय बनाया जा रहा है।
धान रोपण के लिए मशीन को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार, किसानों के बीच डिमोस्ट्रेशन करने के लिए राज्य सरकारों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को अनुदान देती है। मशीनों की खरीद के लिए 100 प्रतिशत सहायता अनुदान दिया जाता है तथा डिमोस्ट्रेशन के खर्चे से निपटने के लिए प्रति मशीन/प्रति डिमोस्ट्रेशन 3000 रूपए दिया जाता है। इसके अलावा कृषि तथा सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी भी मिलती है।