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Tuesday 1 October 2013 08:03:02 AM
देहरादून। नवरात्र में 5 अक्टूबर से केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा औपचारिक रूप से प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरूस्त की गई हैं। सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अध्यक्षता में मंदिर समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। यात्रियों को उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरांत ही यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। स्वाथ्य परीक्षण का कोई भी शुल्क नहीं होगा, मुख्यमंत्री ने इसेमाफ किए जाने के निर्देश दिए हैं।
केदारनाथ में 100 यात्रियों और यात्रा मार्ग पर 100 अतिरिक्त लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है, इसे देखते हुए ही यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दी जाएगी। केदारनाथ के साथ ही यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ावों भीमबली, लेनचौली सहित अन्य स्थानों पर रहने और भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन व मंदिर समिति की ओर से की जाएगी। श्रद्धालुओं के भोजन और अन्य व्यवस्थाओं पर होने वाले व्यय के लिए धनराशि मंदिर समिति से जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाएगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने यह प्रस्ताव दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति व्यक्त की। केदारनाथ में हर समय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, इसके साथ ही यात्रा मार्ग के पड़ावों भीमबली व लेनचौली में भी मेडिकल टीमें रहेंगी। बताया गया है कि केदारनाथ व अन्य यात्रा मार्ग में बीएसएनएल का नेटवर्क अब सामान्य रूप से काम कर रहा है।
केदारनाथ के लिए देहरादून और गुप्तकाशी से हवाई सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी, इसके लिए जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग की अनुमति आवश्यक होगी। हेलीकाप्टर से जाने वाले श्रद्धालुओं को केदारनाथ में रात्रि विश्राम की अनुमति नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त सीओ की नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लाईसेंस संबंधी या अन्य रिकार्ड ना होने पर स्थानीय साक्ष्यों के आधार पर भी खच्चरों का मुआवजा वितरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा राहत राशि में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है। इसका लाभ प्रभावितों को मिलना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री 17 अक्टूबर को गुप्तकाशी में उन लोगों से मिलेंगे, जिनके केदारनाथ में रिहायशी व व्यावसायिक भवन नष्ट हुए हैं। मुख्यमंत्री उनसे सुझाव लेंगे कि राहत के संबंध में वे और किस प्रकार की अपेक्षाएं राज्य सरकार से रखते हैं। बैठक में पर्यटन मंत्री अमृता रावत, कृषि मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक सुबोध उनियाल, शैलारानी रावत, मुख्य सचिव सुभाष कुमार सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, शासन, मौसम विभाग व एएसआई के अधिकारी उपस्थित थे।