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Friday 4 October 2013 09:03:25 AM
देहरादून। उत्तराखंड सूचना आयोग ने उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग को सूचना अधिकार अधिनियम का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के पालन के संबंध में लिखित आख्या व अग्रेतर कार्यवाही हेतु 8 अक्टूबर 2013 की तिथि भी निश्चित की गयी है।
सूचना अधिकार में नदीमउद्दीन एडवोकेट ने 2 जनवरी 2013 को चार बिंदुओं पर उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग से सूचना मांगी थी। इसमें मानवाधिकार संरक्षण के लिये किये गये कार्यों का विवरण, शिकायतों व उन पर कार्यवाही का विवरण, गठन के बाद खर्च की गई धनराशियों का विवरण और ऐसी धनराशियों का विवरण जो देय हों, लेकिन उनका भुगतान नहीं हो सका संबंधी सूचनायें शामिल हैं। आयोग ने नदीम को कोई सूचना उपलब्ध नहीं करायी। इस पर उन्होंने विभागीय अपील दायर कर दी। इसकी सुनवाई न होने तथा अपील प्रार्थना-पत्र मूल रूप से मानवाधिकार आयोग द्वारा वापस भेजने पर उत्तराखंड सूचना आयोग में शिकायत की गई।
इसमें कहा गया कि उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के कार्य शुरू करने के छ: माह से अधिक समय बीतने के बाद भी लोक सूचना अधिकारी व विभागीय अपीलीय अधिकारी को नामित नहीं किया गया है। ऐसे में मांगी गयी सूचनाओं पर कोई उत्तर नहीं दिया गया। यही नहीं अपीलीय प्रार्थना पत्र को भी एक माह बाद मूल रूप में ही वापस कर दिया गया। इसके अतिरिक्त शिकायत में धारा 4(1) (बी) के प्रावधानों के अनुसार तात्कालिक प्रकटन वाली सूचनाओं के 17 मैनुअलों को प्रकाशित नहीं करने की भी शिकायत की गयी। नदीम की इस शिकायत पर पहली सुनवाई 24 जुलाई 2013 को सूचना आयुक्त प्रभात डबराल के समक्ष हुई। इसमें उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस तिथि को अंतरिम आदेश जारी करते हुये सूचना आयोग ने अगली सुनवाई तिथि 9 सितंबर 2013 को इस संबंध में अपना उत्तर व आख्या देने को निर्देशित किया। इस पर भी मानवाधिकार आयोग की ओर से कोई आख्या व उत्तर सूचना आयोग को नहीं दिया गया।
सूचना आयोग ने अपने अंतरिम आदेश से सूचना आयोग के नोटिस का संज्ञान न लेने पर गंभीर चिंता व्यक्त की तथा इसे अत्यंत दुखदाई बताया। सूचना आयुक्त प्रभात डबराल ने अपने अंतरिम आदेश में स्पष्ट रूप से लिखित किया कि उत्तराखंड सूचना आयोग, सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 19(8) में प्रदत्त शक्तियों के अधीन लोक प्राधिकारी/मानवाधिकार आयोग से अपेक्षा करता है कि वे तत्काल अपने विभाग में लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति करें, ताकि उनके विभाग में सूचना अधिकार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस आदेश की प्रति राज्यपाल उत्तराखंड के संज्ञानार्थ प्रमुख सचिव राज्यपाल तथा मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को भी सूचना आयोग ने भेजी है, ताकि उनके संज्ञान में भी यह तथ्य रहे कि उत्तराखंड में मानवाधिकार आयोग के गठन के इतने समय बाद भी लोक सूचना अधिकारी तथा विभागीय अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई। इन निर्देशों के सापेक्ष लिखित आख्या व प्रकरण पर अग्रेतर कार्यवाही हेतु 8 अक्टूबर 2013 की तिथि निश्चित की गयी है।