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Sunday 12 January 2014 04:47:36 PM
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने हेंडलूम सेक्टर को आर्थिक पिछडे़पन को दूर करने में मददगार बताया है। उन्होंने देहरादून में अर्बन हाट स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में बुनकरों के कल्याण के लिए प्रभावी पहल की जायेगी। परेड ग्राउंड में 22 दिवसीय नेशनल हैंडलूम एक्सपो के समापन समारोह में मुख्यमंत्री ने हथकरघा व हस्तशिल्प को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हैंडलूम सेक्टर से देश के सर्वाधिक परिवार जुडे़ हैं तथा हैंडलूम की आज बड़ी मांग है। उन्होंने हैंडलूम सैक्टर में बेहतर डिजाइन व आधुनिक तकनीक अपनाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण आर्थिक विकास में हैंडलूम की बड़ी भागीदारी है, इस हैंडलूम एक्सपों में 5.50 करोड़ की बिक्री होना हथकरघा उत्पादों के प्रति आम जनमानस के जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद को अपेक्षित वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों से आए बुनकरों, हस्तकारीगरों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से एक दूसरे से सीखने को मिलता है, ग्राहकों को जहां एक ही स्थान पर अलग-अलग जगहों के उत्पाद उपलब्ध होते हैं, वहीं बुनकरों व हस्तशिल्पियों को भी सीधी बिक्री से अच्छी कीमत मिलती है। उन्होंने कहा कि हैंडलूम की विदेशों में बहुत मांग है, केंद्र सरकार ने हैंडलूम उत्पादों के निर्यात के लिए भी अनेक योजनाएं चलाई हुई हैं। मुख्यमंत्री ने हैंडलूम क्षेत्र के विकास के लिए एक मिशन की तरह कार्य किए जाने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनकरों के हित में भारत सरकार ने उत्तराखंड में 9 हथकरघा कलस्टर क्रमशः छिनका (चमोली), मंगलौर, इमलीखेड़ा-मोहनपुरा (हरिद्वार), धारचूला, मुनस्यारी, घाटीबगड़ (पिथौरागढ़), डूंडा (उत्तरकशी) एवं कालसी, विकासनगर (देहरादून) में स्वीकृत किये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के सर्वाधिक बिक्री वाले तीन स्टालों तथा 12 लाख की बिक्री करने वाले बालाजी हैंडलूम आंध्रप्रदेश धरतीग्राम तंतुवाई पश्चिम बंगाल एवं टाइफेड इंडिया के संचालकों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर लघु उद्योग मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि हथकरघा कपड़ा बुनने की भारतीय परंपरा है, इसमें हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था जुड़ी है, ऐसे आयोजन छोटे उद्यमियों का प्रोत्साहन करने में मददगार होते हैं। उन्होंने कहा कि हैंडलूम हमारी पहचान बने ऐसा प्रयास किया जाना होगा, राज्य सरकार इस प्रकार का वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय युवा व महिलाएं स्वरोज़गार में आगे बढ़ सकें। निदेशक उद्योग शैलेश बगोली ने बताया कि राज्य के हथकरघा बुनकरों एवं जनता को देश एवं प्रदेश के उत्कृष्ट हथकरघा उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय, उत्तराखंड उद्योग निदेशालय एवं उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष देहरादून नेशनल हैंडलूम एक्सपो का आयोजन करता है। एक्सपो 22 दिसंबर 2013 से शुरू हो कर 11 जनवरी 2014 तक आयोजित किया। एक्सपो में कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, ओडीसा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड के हथकरघा बुनकरों, सहकारी समितियों ने भाग लिया। एक्सपों में 150 स्टाल लगाए गए। राज्य के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के 20 स्टाल निःशुल्क आवंटित थे। बुनकरों की कुल बिक्री 5.50 करोड़ रही है।
अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने बताया कि नेशनल हैंडलूम एक्सपों में उत्तर प्रदेश बनारस की तनछुई सिल्क साड़ी, कटवर्क साड़ी, अवध जामदानी साड़ी, सिल्क फर्निसिंग ड्रेस मटीरियल, जयपुर की ब्लाक प्रिंटिंग चादरें, पश्चिम बंगाल की जामदानी साड़ी, तमिलनाडु की जरी ब्रोकेट सिल्क साड़ी, कांचीपुरम की साड़ी, आंध्र प्रदेश की डबल इकत, वेंकटी ग्रीन जामदानी साड़ी, हरियाणा के जगार्ड पर्दे व फर्निशिंग, कर्नाटक की कसूती सिल्क साड़ी, मध्य प्रदेश की चंदेरी सिल्क साड़ी, गुजरात की पटोला साड़ी, ओडीशा की टाई एंड डाई साड़ी, आसोम की मेलखा, जयपुरी रजाईया, कश्मीर की पश्मीना शाल एवं ड्रेस मटीरियल विपणन हेतु उपलब्ध थे। इसके अतिरिक्त राज्य के ऊनी उत्पाद शाल, पंखी, ट्वीट, थुलमा चुटका, ऊनी मफरल आदि के स्टाल लगाए गये थे। हिमाद्री पवेलियन में जूट से तैयार फाइल फोल्डर, हैंडबैग, टी कोस्टर, बैग, बाटल कवर, हाथ से बने कपडे़ प्रदर्शन एवं विपणन हेतु रखे गये थे। बुनकर सेवा केंद्र चमोली के थीम पवेलियन में हैंडलूम क्षेत्र की प्रगति को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया था। पवेलियन में देश के अधिकांश प्रांतो के प्रतिष्ठित बुनकरों के हैंडलूम के बेजोड़ उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, साथ ही पवेलियन में हथकरघा बुनाई का सजीव प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर सचिव अजय प्रद्योत, अपर सचिव किशन नाथ ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में विधायक राजकुमार, मेलाधिकारी केसी चमोली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।