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मुसलमानों और पारसियों के लिए योजनाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 February 2014 03:24:09 PM

नई दिल्‍ली। नई दिल्‍ली के जीजीओ कांपलेक्‍स लोधी रोड स्थित पर्यावरण भवन की 11वीं मंजिल पर बने अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय के कार्यालय में एक टोल फ्री फोन सेवा की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है, जिसका नाम खिदमत रखा गया है। आठ अगस्‍त 2013 को शुरू होने के बाद से इस टोल फ्री फोन सेवा के जरिए अब तक सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 12,263 फोन कॉल्‍स आई हैं। इस समय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय कई नई योजनाएं और कार्यक्रम चला रहा है, जैसे-मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति, मैट्रिक उपरांत छात्रवृत्ति, योग्‍यता और संपत्ति साधन आधारित छात्रवृत्ति, मौलाना आजाद राष्‍ट्रीय फैलोशिप, अल्‍पसंख्‍यक महिलाओं में नेतृत्‍व क्षमता के विकास को बढ़ावा देने वाली योजना नई रोशनी, सीखो और कमाओ (लर्न एंड अर्न), बहुखंडीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) और प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम।
मंत्रालय, राज्‍य और केंद्रशासित प्रदेशों के वक्‍फ बोर्डों को संस्‍थागत रूप से मजबूत बनाने की भी कई योजनाएं भी चला रहा है। इनमें राज्‍य वक्‍फ बोर्डों के रिकार्डों का कंप्‍यूटरीकरण और शहरी वक्‍फ संपत्तियों का विकास करना शामिल है। पिछले साल 31 दिसंबर को मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय वक्‍फ बोर्ड विकास आयोग लिमिटेड (एनएडब्‍ल्‍यूएडीसीओ) की शुरूआत की ही है। इसे कंपनी एक्‍ट 1956 के तहत बनाया गया है। इन सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के अलावा केंद्र सरकार ने दो अन्‍य योजनाएं भी शुरू की हैं। उनमें से एक है-पढ़ो प्रदेश, जो कि अल्‍पसंख्‍यक छात्रों की विदेशों में पढ़ाई संबंधी लिए गए शैक्षिक लोन से संबंधित है और दूसरी-जियो पारसी योजना जो कि पारसियों की घटती संख्‍या पर नियंत्रण पाने से संबंधित है। यह जानकारी लोकसभा में केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य राज्‍यमंत्री निनोंग ई रिंग ने दी।

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