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Thursday 20 February 2014 03:02:37 AM
नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग की संशोधित मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद 14 फरवरी 2014 को जारी मतदाता विवरण से पता चलता है कि देश में कुल 814,591,184 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 98.27 प्रतिशत मतदाता 28 राज्यों में हैं और बाकी के 1.73 प्रतिशत मतदाता 7 केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में से दिल्ली में 1.48 प्रतिशत मतदाता हैं और अन्य 6 केंद्र शासित प्रदेशों में 0.253 प्रतिशत मतदाता हैं। राज्यों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 13.43 करोड़ मतदाता हैं, जो देश में कुल मतदाताओं की संख्या का 16.49 प्रतिशत हैं, जबकि सिक्किम में सबसे कम 3.62 लाख यानी 0.044 प्रतिशत मतदाता हैं।
उधर विधि और न्याय तथा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्ब्ल ने लोकसभा में जानकारी दी कि निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 क के अनुसार और तारीख 13.03.2003 की रिट याचिका संख्या 490/2002 और संबद्ध याचिकाओं में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में किसी अभ्यर्थी को अपने आपराधिक पूर्ववृत्त, आस्तियों दायित्वों के ब्यौरों, (जिसके अंतर्गत पति या पत्नि और आश्रित बालकों की आस्तियां/ दायित्व भी हैं) और शैक्षिक अर्हताओं के संबंध में जानकारी शपथ-पत्र के प्रारूप में नाम निर्देशन पत्र के साथ, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के प्रारूप के 26 में देनी होती है।
निर्वाचन आयोग ने यह भी सूचित किया है कि उस शपथ पत्र में किसी अभ्यर्थी की घोषणाओं के व्यापक प्रसार के लिए एक प्रति रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ)सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) के सूचनापट्ट पर प्रदर्शित की जाती है। आरओ और एआरओ दोनों के कार्यालय निर्वाचन क्षेत्र की सीमा के बाहर होने की दशा में, शपथ-पत्रों की प्रतियों के एक सैट को निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के भीतर एक प्रमुख सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित किया जाता है। जो कोई प्रतियों के लिए अनुरोध करता है उसको भी प्रतियां नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, सभी अभ्यर्थियों द्वारा, चाहे वो मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों या गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों ने खडे़ किए हों या स्वतंत्र हों, फाइल किए गए शपथ पत्र की स्कैन की गई प्रति, अभ्यर्थियों द्वारा उनको फाइल किए जाने के पश्चात किसी भी दशा में चौबीस घंटे के भीतर वेबसाइट पर डाल दी जाती है। यदि कोई, अभ्यर्थी के किसी शपथ पत्र में मिथ्या विवरणों को इंगित करते हुए प्रति-शपथपत्र फाइल करता है तो उसको भी सूचना पट्ट पर प्रदर्शित कर दिया जाता है।
कपिल सिब्ब्ल ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार अभ्यर्थियों द्वारा सरकारी आवास, जल आपूर्ति, विद्युत, टेलीफोन और परिवहन विभागों के देयों यदि कोई हो, के ब्यौरों को दो समाचार-पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा। तद्नुसार ऐसी सूचना को उसके द्वारा विहित प्रारूप में स्थानीय परिचालन वाले दो समाचार-पत्रों में, जिसमें से एक स्थानीय भाषा का समाचार-पत्र होना चाहिए, प्रकाशित किया जाना चाहिए। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची के निश्चित हो जाने के दो दिनों के भीतर ऐसा करना अपेक्षित है। जब सरकारी देयों के विषय में स्थानों को वर्णित करते हुए एक टिप्पणी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट सहित जहां अन्य ब्यौरे अर्थात निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों की आपराधिक पृष्ठभूमि, आस्तियां, दायित्व और शैक्षिक अर्हता पाई जा सकती हैं, समाचार-पत्र में जानकारी प्रकाशित की जाती है।