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Wednesday 4 March 2015 03:19:11 AM
इस्लामाबाद/ नई दिल्ली। क्रिकेट कूटनीति के जरिए ही सही सात महीने पहले भारत-पाकिस्तान विदेश सचिव स्तर की रद्द वार्ता आखिर भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर की 3 मार्च को पाकिस्तान यात्रा से बहाल हुई। इन महीनों में भारत-पाक की दुआ-सलाम तक बंद रही, एक-दूसरे को फूटी आंख भी न सुहाए। नेपाल में दक्षेस सम्मेलन के आखिरी वक्त चलते-चलते नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी एक दूसरे को देखकर मुस्कराते हुए मिले भर थे, हाथ भी मिलाए, जिसकी दक्षेस में सराहना भी हुई थी, मगर उसके बाद सीमा और कश्मीर घाटी में बार-बार हमले, पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैंठ से दोनों देशों में फिर भारी तनाव हुआ। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत में गणतंत्र दिवस परेड में आए तो पाकिस्तान और ज्यादा बौखला गया। भारत की कूटनीति से कुछ माहौल बना और जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण चुनाव हुआ, जिससे दुनिया ने माना कि कश्मीर में लोकतंत्र जीता है, कश्मीर में सरकार भी बन गई। क्रिकेट का विश्वकप संयोग आया तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षेस के विश्वकप सदस्य देशों से सद्भावना संपर्क किया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी फोन लगाया गया और क्रिकेट की बातचीत में लगे हाथ भारत-पाकिस्तान में वार्ता शुरू होने और विदेश सचिव स्तरीय बातचीत का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिससे आज विदेश सचिव एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा हुई।
भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ऐसे समय पर पाकिस्तान पहुंचे हैं, जब पाकिस्तान बेहद आंतरिक कलह और आंतरिक आतंकवाद से जूझ रहा है। भारत-पाकिस्तान वार्ता रद्द हो जाने के बाद पाकिस्तान में कई ताबड़तोड़ आतंकवादी वारदातें हुईं, जिनसे पाकिस्तान हिल गया और पाकिस्तानी आवाम, वहां के रानीतिक लोगों और मीडिया ने खुलकर कहा कि पाकिस्तान में आज जो कुछ हो रहा है, वह पाकिस्तानी हुकुमत की बुरी तरह विफलता का परिणाम है। पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने का ऐसा बड़ा आरोप है, जिसे दुनिया ने सही माना है। चीन के राष्ट्रपति को छोड़कर किसी भी गैरमुस्लिम देश के शासनाध्यक्ष की हिम्मत नहीं हो रही है कि वह पाकिस्तान की यात्रा पर जाए। पाकिस्तान खुद अपने लोगों को सुरक्षा नहीं दे पा रहा है, इसलिए वह आजतक अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपने देश की यात्रा करने का समय नहीं ले सका। पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिष्टाचार और अतिथि आगमन की सुरक्षा की गारंटी देना असंभव है, कश्मीर और आतंकवाद को लेकर भारत से खराब संबंधों का जो विश्वसमुदाय में संदेश गया हुआ है, उससे भी पाकिस्तान बहुत परेशान है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा से पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा है और उम्मीद की जा रही है कि भारत-पाक रिश्ते फिर से सामान्य हो जाएंगे। दोनों के एक दूसरे के पड़ोसी होने के कारण और आपसी महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान और भारत में नेतृत्व को अपने लोगों की उम्मीदों के अनुरूप बनना चाहिए और दोनों देशों को वार्ता के जरिए सभी लंबित मुद्दों का हल करने की ओर काम कर संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने की जरूरत है। विदेश सचिव एस जयशंकर की दक्षेस यात्रा के तहत इस्लामाबाद यात्रा के दौरान नवाज शरीफ से मुलाकात करने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की। एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर है। नवाज शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे पड़ोसी एवं सहयोगी संबंध स्थापित करना जरूरी है, जो कि दक्षिण एशिया में एक शांतिपूर्ण पड़ोस के उनके विजन के अनुरूप है।
भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने दक्षेस यात्रा के तहत अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज चौधरी के साथ व्यापक वार्ता की। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश एवं राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर उनके सलाहकार से भी मुलाकात की। पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक नवाज शरीफ ने भरोसा जताया है कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच यह वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने का रास्ता बनाने में परिणीत होगी। बयान में कहा गया कि दोनों ही देशों को वार्ता के जरिए सभी लंबित मुद्दों का हल कर अपने संबंधों का एक नया अध्याय शुरू करने की जरूरत है। नवाज शरीफ ने जोर देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देशों में नेतृत्व को अपनी अवाम की उम्मीदों के अनुरूप बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एक साथ अवश्य ही सोचना चाहिए, साथ काम करना चाहिए और दोनों राष्ट्रों को एक दूसरे के करीब लाने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए, दोनों देशों को डेढ़ अरब आबादी के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए एक दूसरे को सहयोग का हाथ बढ़ाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के तनाव और अनसुलझे विवाद से ग्रसित होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश के लोग शांति में जीने और विकास का फल चखने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि यह अहम होगा कि द्विपक्षीय चर्चाएं जब कभी हों तो उनमें उन क्षेत्रों में एक दूसरे की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए जहां दोनों देशों में मतभेद हैं। मुलाकात के दौरान एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र भी सौंपा। नवाज शरीफ ने कहा कि वह सभी दक्षेस नेताओं का 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सम्मेलन में स्वागत करने को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने कहा कि दक्षेस फोरम क्षेत्र के सभी देशों को साथ काम करते हुए क्षेत्रीय सहयोग की क्षमता विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखना जरूरी है। भारत की ओर से विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द किए जाने के सात महीने बाद विदेश सचिव एस जयशंकर की 3 मार्च को यह पाकिस्तान यात्रा हुई।
विदेश सचिव एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा से पूर्व विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दिशानिर्देश के अनुसार मार्च में पाकिस्तान सहित सभी दक्षिण एशियाई देशों की दक्षेस यात्रा होगी। फेसबुक पर लाइव सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि हम शिमला समझौते के मुताबिक जम्मू-कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात की थी तथा इसके बाद घोषणा की गई थी कि विदेश सचिव एस जयशंकर इस्लामाबाद का दौरा करेंगे और आज यह यात्रा हुई। क्रिकेट कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए नरेंद्र मोदी ने उन चार दक्षेस नेताओं को फोन किया था, जहां की टीमें क्रिकेट विश्वकप में हिस्सा ले रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने साझा हित के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए विदेश सचिव की प्रस्तावित यात्रा का स्वागत किया था।