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Thursday 12 March 2015 02:48:30 AM
पोर्ट लुईस/ नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ का उनके स्वागत और असाधारण मेजबानी के लिए हृदय से धन्यवाद दिया है और कहा है कि यह भारत की सवा करोड़ जनता के लिए एक सम्मान है। उन्होंने कहा कि वे संबंधों की कद्र करते हैं और यह संबंध हमारे हृदय की गहराइयों से विकसित हुए हैं, हम एक दूसरे के समर्थन और एकजुटता के लिए सदा तैयार रहते हैं, यह भावना हमारी मैत्री, साझा मूल्यों और समान क्षेत्रीय और वैश्विक हितों से स्वत: विकसित होती है। आज मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा पर दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भारत से उसको सहयोग का आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा है कि हम आर्थिक प्रगति में भागीदार हैं और हमने अतुलनीय शक्ति और स्वरूप के संबंध बनाए हैं, मेरी मॉरीशस के प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ से मुलाकात सचमुच शानदार रही और इसके निष्कर्ष वाकई महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमने सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर और स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र में अपने साझा हितों पर चर्चा की है, इस क्षेत्र में मॉरीशस की अग्रणी भूमिका है। उन्होंने कहा कि हमने मॉरीशस की असैन्य बुनियादी परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन अमरीकी डॉलर के रियायती ऋण की पेशकश की है, हम मॉरीशस में पेट्रोलियम भंडारण और भूमिगत भंडारण सुविधा का तेजी से निर्माण करने के भी इच्छुक हैं, इससे न केवल मॉरीशस को फायदा होगा, अपितु क्षेत्रीय बड़े केंद्र के रूप में इसकी भूमिका भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने एक दशक पहले मॉरीशस को पहले साइबर सिटी के निर्माण में सहायता दी थी, इसकी उल्लेखनीय सफलता से मॉरिशस में अर्थव्यवस्था के विविधिकरण से जुड़ी सामरिक दूरदृष्टि परिलक्षित होती है, हमने आज दूसरे साइबर सिटी के निर्माण के लिए भी सहायता का प्रस्ताव किया है, अगालेगा द्वीप के विकास के लिए किया गया आज का समझौता बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हमारे सहयोग में एक बड़ा कदम है, इससे हमारे आपसी विश्वास की गहराई का पता चलता है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस ने अपनी सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ी सोच का प्रदर्शन किया है, सामुद्रिक अर्थव्यवस्था में सहयोग के बारे में हमारा समझौता हमारी वैज्ञानिक और आर्थिक भागीदारी में एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे सामुद्रिक पारिस्थितिकी की हमारी समझ-बूझ में सुधार होगा, इससे सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्रों के विकास में हमें मदद मिलेगी और साथ ही हम अपनी सामुद्रिक परिसंपत्तियों के इस्तेमाल में स्थायी प्रक्रियाओं का पालन कर सकेंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने दोहरा कर वंचन संधि में संशोधन पर चर्चा की है, यह संधि के दुरूपयोग को रोकने के साझा उद्देश्य पर आधारित है और इसके साथ-साथ मॉरीशस को इस व्यवस्था से पूरा फायदा मिल सकेगा, हमने इस चर्चा को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मैंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ को भरोसा दिलाया है कि हम विश्व में अपनी सबसे मजबूत सामरिक भागीदारी में कोई ऐसा कदम नहीं उठएंगे, जिससे इस क्षेत्र को कोई नुकसान हो, मैंने कर के आदान-प्रदान की सूचना के लिए मॉरीशस की सहयोग और सहायता देने की पेशकश की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि हमें व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर अपनी चर्चा फिर शुरू करनी चाहिए, मॉरीशस के प्रधानमंत्री और मैं यह समझते हैं कि हमारा सुरक्षा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी की बुनियाद होगा, यह एक-दूसरे के प्रति हमारी जिम्मेदारी के कारण नहीं, अपितु सामुद्रिक पड़ोस के लिए हमारी साझा सोच के कारण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं मॉरीशस की व्यापक विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उसके प्रयासों में सहयोग की भारत की वचनबद्धता दोहराता हूं, हम मॉरीशस के तटरक्षक बल में बाराकूड़ा को चालू करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भारत से अन्य जहाजों और उपकरण उपलब्ध कराने समेत सभी क्षेत्रों में समय पर सहायता करने का आश्वासन दिया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि विस्तृत क्षेत्रीय सहयोग से हमारे सामुद्रिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि बढ़ेगी और मैं इस संदर्भ में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और इसके सचिवालय के लिए स्थान देने में मॉरीशस की अनूकूल भूमिका के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मॉरीशस के भारत को समर्थन के लिए आभारी हूं, इससे साझा हितों के मुद्दों पर भारत को विचार रखने में बल मिलता है। उन्होंने उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का थोड़े समय में ही बड़े समर्थन के साथ 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाए जाने की मंजूरी देना, हमारी साझा विरासत के प्रति सम्मान है।
जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि इस विषय पर हम दोनों के समान और प्रभावी विचार हैं, दोनों देश इस पर सशक्त राष्ट्रीय कार्रवाई करने के प्रति वचनबद्ध हैं, इन चुनौतियों के समाधान के लिए हम अपने आपसी सहयोग और वैश्विक भागीदारी को और मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि जनता के साथ संपर्क हमारे संबंधों का मूलाधार हैं, हम सर्वोच्च स्तर की प्राथमिकता पर इसे समृद्ध बनाना जारी रखेंगे, हमने मॉरीशस के लिए इलेक्ट्रोनिक यात्रा प्राधिकृति शुल्क माफ करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि हमने एक बहु विषयक युवा मंच शुरू करने का भी फैसला किया है, इससे दोनों देशों के युवाओं को और अधिक जोड़ा जाएगा और यह भविष्य में सशक्त भागीदारी का बीजारोपण करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं बहुत परिणामजनक और तथ्यपूर्ण बैठक के लिए प्रधानमंत्री सर जगन्नाथ और उनके दल के प्रति सचमुच आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह को लेकर उत्साहित हूं, इसके अलावा राष्ट्रीय असेंबली को संबोधित करने के गौरव और अन्य विशेष आयोजनों को लेकर भी उत्साहित हूं, मेरे लिए ये सब हमारे संबंधों की समृद्धि के द्योतक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंद महासागर के तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं और इस समय मॉरीशस में हैं। उन्होंने मॉरीशस पहुंचने पर पहले मॉरिशस के प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ से मुलाकात की और उसके बाद प्रसिद्ध गंगा तालाब जाकर भगवान शिव की पूजा की। प्रधानमंत्री ने विश्व हिंदी सचिवालय का शिलान्यास किया और कहा कि जब इंसान अपनी भाषा में बोलता है तो शब्द मुंह से नहीं दिल से निकलते हैं, मैं मॉरिशस को हिंदी सहेज कर रखने के लिए धन्यवाद देता हूं, मॉरिशस ही एक ऐसा देश है, जिसका अपना हिंदी साहित्य है। इस कार्यक्रम में मॉरिशस के प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ ने हिंदी में ही अपने भाषण की शुरुआत की और कहा-'छोटे भारत (मॉरिशस) का भारत माता को प्रणाम।' नरेंद्र मोदी सेशल्स से सीधे मॉरिशस पहुंचे। नरेंद्र मोदी यहां महात्मा गांधी संस्थान भी जाएंगे और यहां से श्रीलंका के लिए रवाना हो जाएंगे।