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क्षेत्रीय राष्‍ट्र विकास को एकजुट हों-मोदी

'भारत-मॉरीशस मित्रता अटूट और सहयोग बेमिसाल'

नरेंद्र मोदी का मॉरीशस की राष्‍ट्रीय एसेंबली में संबोधन

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Thursday 12 March 2015 08:57:03 AM

pm narendra modi in assembly of mauritius

पोर्ट लुईस/ नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मॉरीशस की राष्‍ट्रीय एसेंबली को संबोधित किया और मॉरीशस के स्‍वतंत्रता दिवस पर मॉरीशसवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि किसी देश की राष्‍ट्रीय एसेंबली को संबोधित करना सदैव बड़ा सम्‍मान है, मगर इतिहास और संस्‍कृति के गहरे संबंधों को साझा करने वाले देश की जनता की एसेंबली को संबोधित करना सचमुच एक विशेष अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्‍वंतत्रता संग्राम के इतिहास में मॉरीशस विशेष महत्‍व रखता है, सन् 1930 में 12 मार्च को यानी आज ही के दिन महात्‍मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी और इससे भारत अपनी स्‍वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाकर आगे बढ़ा था, मॉरीशस के राष्‍ट्रीय दिवस से महात्‍मा गांधी को भी सम्‍मान मिलता है और यह दोनों देशों के बीच भावनात्‍मक संबंधों का आधार भी है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के स्‍वतंत्रता संग्राम के कुशल नेतृत्‍व के लिए मैं सर शिवसागर रामगुलाम और उनके दर्शन एवं दोनों देशों के बीच भागीदारी के विकास में उनके नेतृत्‍व को नमन करता हूं। मॉरीशस असेंबली की अध्‍यक्ष सांति बाई हनुमानजी, प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्‍नाथ, विपक्ष के नेता पॉल बेरेंजेर एवं सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असेंबली संबोधन के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्‍व में कई ऐसे देश हैं, जहां स्‍वतंत्रता का उल्‍लास धीमा होकर दिशा भ्रम की निराशा में दब गया, मगर मॉरीशस में स्‍वतंत्रता की आशाएं और वायदे दिन-ब-दिन उज्‍जवल हुए हैं, मॉरीशस लोकतंत्र के उज्‍जवल दीप की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस 10 लाख से अधिक बेहद सद्भाव में रह रहे विविध संस्‍कृति वाले लोगों का देश है, यह एक ऐसा देश है, जो मजबूती से समृद्धि के मार्ग पर बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने मॉरीशस के स्‍मार्ट विकल्‍प चुनने और परिश्रम तथा उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहित करने की सदैव प्रशंसा की है, इसने कृषि अर्थव्‍यवस्‍था की बजाय अब मध्‍य आय और विविध अर्थव्‍यवस्‍था का रूप लिया है और इसने वस्‍त्र और पर्यटन क्षेत्र के अवसरों का अपनी समृद्धि के लिए दोहन किया है और अब यह वित्‍त और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी प्रगति कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत के जिन लोगों ने अपने जीवन को इस नए स्‍थान पर स्‍थापित किया, शिवरात्रि में कांवड़, होली के रंगों और ईद के उल्‍लास, वर्षा के स्‍वागत के गीतों, फसलों के जश्‍न में नृत्‍यों, हिमालय और गंगा की स्‍मृतियों को जीवित रखा, आज वे मॉरीशस के गौरवशाली नागरिक हैं और सफलता में योगदान देकर यहां देश की गतिशीलता में फल फूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह द्वीप उनकी संरक्षित आस्‍था और संस्‍कृति से बंधा है, फिर भी वे विश्‍व के अन्‍य भागों से आने वाली लहरों और हवाओं से विकसित जीवनशैली के साथ भी आसानी से रिश्‍ता बनाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे आज सुबह गंगा तालाब जाने का शुभ अवसर मिला, वहां जाकर मुझे अपने संसदीय क्षेत्र बनारस की गंगा के घाटों के साथ अपना निजी लगाव भी महसूस हुआ और मैंने उस सशक्‍त संपर्कों को महसूस किया, जो इस शानदार देश में काल और दूरी के बावजूद स्‍थाई बने हुए हैं, इनसे हमारे आपसी विश्‍वास की अटूट श्रृंखला का भी विकास हुआ है। उन्होंने कहा हम हिंद महासागर में सुरक्षा को बढ़ाने की जिम्‍मेदारी कंधे से कंधा मिलाकर साझा करते हैं, हम विकासशील विश्‍व और अपने ग्रह-पृथ्‍वी के भविष्‍य के हित में एक ही सुर में बोलते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा‌ कि हम मॉरीशस को हिंद महासागर समुदाय के अगुआ और अफ्रीका के साथ सेतु के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि विश्‍व में यहां हिंदी को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है, भारत अपने यहां विश्‍व हिंदी सचिवालय स्‍थापित करने के लिए मॉरीशस का धन्‍यवाद करता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दोनों देशों में लोकतांत्रिक तरीके से सत्‍ता का हस्‍तांतरण हुआ और दोनों देशों में लंबे समय के बाद किसी एक पार्टी को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला। उन्होंने कहा कि यह संयोग और रूचि की बात है कि दोनों देशों की संसद में अध्‍यक्ष का पदभार महिला को मिला है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें मालूम है कि लोकतां‍त्रिक परिवर्तनों से हमारे संबंधों की मजबूती में कोई अंतर नहीं आ सकता, हमारे पास आज एक ऐसा अनूठा अवसर है, जो दोनों देशो में आर्थिक विकास में तेजी लाने का स्थिर मंच है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले नौ महीनों के दौरान, हम भारत में समावेशी विकास की स्पष्ट दृष्टि की ओर बढ़े हैं, हमने आर्थिक विकास को बढ़ाने, अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाने और हमारे नागरिकों के जीवन को बदलने, सुदूर क्षेत्रों के गांवों और किसानों, सर्वाधिक वंचित युवाओं के लिए रोज़गार के अवसरों का सृजन करने के लिए तेजी, संकल्‍प, नवाचार और निर्भीकता के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्‍नाथ के नेतृत्‍व में मॉरीशस में विकास और अधिक प्रभावशाली बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं मॉरीशस को भरोसा दिलाता हूं कि हम हमेशा साथ रहेंगे, आपके प्रयासों के समर्थन में और आपकी कामयाबी के जश्‍न में। उन्होंने कहा कि कल मैंने प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगन्‍नाथ को कहा कि हम मॉरीशस की अर्थव्‍यवस्‍था के लिए विदेश स्थित बैंकिंग सेक्‍टर के महत्‍व को समझते हैं, हम भारत पर इस निर्भरता को लेकर जागरूक हैं, हम अपने दोहरे कर वंचन समझौते के दुरूपयोग को रोकने के लिए अपने साझा उद्देश्‍य के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन मैं आपको यह भी भरोसा दिलाता हूं कि हम अपने सबसे घनिष्‍ठ रणनीतिक साझेदारों में से एक इस गतिशील क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉरीशस के लिए एक विकास साझेदार बनना बड़ा विशेषाधिकार रहा है, हम आपकी इच्‍छाओं के अनुरूप और अधिक करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। उन्होंने मॉरीशस की असेंबली में भारत की की ओर से मॉरीशस में नागरिक परियोजनाओं और सहयोग की घोषणाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने 2003 में मॉरीशस में पहली साइबर सिटी के निर्माण में सहयोग दिया था, वह हमारी जीवंत आर्थिक साझेदारी का एक प्रतीक बन गया है और अब मुझे भी मॉरीशस में दूसरी साइबर सिटी के लिए अपने समर्थन की घोषणा करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है। उन्होंने मॉरीशस के ई-हेल्‍थ कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमने विरासत में एक प्राचीन परंपरा और बुद्धिमता प्राप्‍त की है, जिसने प्रकृति के संरक्षण को एक पवित्र कार्य बना दिया है, जो धरती को एक मां की तरह पूजता है और जो प्रकृति के शोषण को एक अपराध मानता है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस जलवायु परिवर्तन पर एक अग्रणी अंतर्राष्‍ट्रीय आवाज रहा है, जो न केवल द्वीपीय राज्‍यों का बल्कि हमारे सामूहिक भविष्‍य का भी पक्षधर रहा है, हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अधिक ठोस वैश्विक कार्रवाई के लिए मॉरीशस के साथ काम करने की उम्मीद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम शांति, सुरक्षा और विश्‍व में स्थिरता को लेकर आश्‍वस्‍त हैं तो हम एक टिकाऊ और समृ‍द्ध भविष्‍य के सपनों को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मॉरीशस में हमारी नियति हिंद महासागर की धाराओं के साथ जुड़ी है, हमारी सुरक्षा साझेदारी हमारे संबंधों के लिए एक मजबूत स्‍तंभ रही है और यह कठिन समय में भी अडिग रही है। उन्होंने कहा कि इसका आधार असाधारण और आपसी भरोसे एवं विश्‍वास पर टिका है, इसकी जड़ें एक-दूसरे के प्रति उत्‍तरदायित्‍वों में निहित हैं, जो हमारी मैत्री में स्‍वाभाविक रूप से प्रदर्शित होती हैं। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि को लेकर हमारी साझी प्रतिबद्धता, मॉरीशस द्वीपों और जलीय क्षेत्रों को ज्‍यादा सुरक्षित बनाने के प्रयास में हम हमेशा मॉरीशस की सहायता के लिए तत्‍पर रहेंगे, मॉरीशस, हिंद महासागर के इस हिस्‍से को सुरक्षित करने की भारी जिम्‍मेदारी उठा रहा है, इसलिए हम जानते हैं कि हमारा क्षेत्र एक सु‍रक्षित स्‍थान होगा, आपने हम में जो विश्वास जताया है, उसके लिए भारत आभारी है। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के सभी राष्‍ट्रों को हमारी साझा जिम्‍मेदारी में सहयोग देने के लिए एकजुट होना चाहिए, हम अपने क्षेत्र में घनिष्‍ठ सुरक्षा, आर्थिक, सांस्‍कृतिक, वैज्ञानिक और हर व्‍‍यक्ति के लिए संबंधों में व्‍यापक भागीदारी चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि मॉरीशस हिंद महासागर रिम एसोसिएशन का मेज़बान है, जिसके लिए हम उसके शुक्रगुजार हैं, वैश्‍विक संस्‍थानों में आपका दृढ़ समर्थन हमें अपने साझा हितों के बारे में विचार रखने के लिए अधिक मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भारी उथल-पुथल के समय 70वें वर्ष में प्रवेश किया है, हम इस संगठन को सुधारने और आज के युग की जरूरत के अनुसार इसे अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए आपकी मदद चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं 21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍ताव में जोरदार समर्थन देने के लिए मॉरीशस को धन्‍यवाद देना चाहता हूं, यह संकल्‍प रिकॉर्ड समय में अधिकतम देशों के समर्थन से पारित किया गया था, यह हमारी साझा विरासत को नमन है। उन्होंने कहा कि एक राष्‍ट्र के जीवन में एक व्‍यक्ति के जीवन की तरह ही एक सच्‍चे दोस्‍त और शुभचिंतक से भी ज्‍यादा कोई मूल्‍यवान और संतुष्टि प्रदान करने वाली चीज नहीं है, उसके मिलन से अधिक कुछ संतोषजनक नही है, उसके विश्‍वास से अधिक मूल्‍यवान कुछ भी नही है, उसकी मदद से अधिक कुछ भी आश्‍वस्‍त करने वाला नहीं है और उसकी भागीदारी से अधिक बहुमूल्‍य कुछ भी नही है, इसलिए हम आपकी मैत्री से अपने आपको सौभाग्‍यशाली मानते हैं और हमेशा यह कहते हैं कि अगर कोई ऐसा देश है, जो हम पर पूरा अधिकार महसूस करता है, तो वह मॉरीशस ही है, मैं एक बार फिर मॉरीशस को राष्‍ट्रीय दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं।

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