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Tuesday 14 April 2015 06:12:51 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ जर्मनी में आयोजित हनोवर तकनीकी और इंजीनियरिंग मेले में सम्मिलित होने के लिए आज रवाना हो गए। इस प्रतिनिधिमंडल में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा, मुख्य सचिव आलोक रंजन सहित कई विभागों के सचिव भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री मेले में जर्मन भाषा में आईटी पॉलिसी की वेबसाइट www.upsteigend.in को लांच करेंगे। हनोवर मेले में उत्तर प्रदेश ने एक पैवेलियन स्थापित किया है, इस पैवेलियन का अवलोकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी किया। जर्मनी की चांसलर ने इस अवसर पर कहा भी कि उत्तर प्रदेश में ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चुरिंग की काफी संभावनाएं हैं। पैवेलियन में प्रदर्शित बैनर व पोस्टर आदि जर्मन भाषा में भी हैं।
प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाना है, साथ ही जर्मनी की संस्थाओं, औद्योगिक संस्थानों और कंपनियों से रिश्तों को मजबूत बनाते हुए सौर व नवीकरणीय ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, क्लीन टेक्नोलॉजी, शोध एवं नवोन्मेष, कौशल विकास और खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में सहयोग एवं निवेश को आमंत्रित करना है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जर्मनी के पास उच्च तकनीक उपलब्ध है और उत्तर प्रदेश भी इस क्षेत्र के विकास को लेकर बेहद उत्सुक है। राज्य सरकार छतों पर सौर संयंत्र लगाए जाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है। हनोवर मेले में 16 अप्रैल को 'उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के अवसर' पर एक सत्र भी आयोजित होगा, जिसमें मुख्य सचिव आलोक रंजन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इस सत्र में सौर ऊर्जा, ऑटोमोबाइल और क्लीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तकनीकी हस्तांतरण जैसे मुद्दों पर चुनिंदा प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श होगा।
विश्व प्रसिद्ध हनोवर मेले में पूरे संसार से व्यापार, तकनीक, उद्योग, विज्ञान से जुड़ी हस्तियां और नीति निर्माता शामिल हो रहे हैं, जिनकी संख्या लगभग दो लाख है। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित 300 कंपनियां सम्मिलित हो रही हैं, जो इस आयोजन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगी। द्विपक्षीय व्यापार में 21 बिलियन अमरीकी डॉलर के साथ जर्मनी भारत का 6वां सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। दोनों देशों के कारोबारी संबंध मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, कैमिकल्स, सेवा, परमाणु रियेक्टर, निर्माण आदि क्षेत्रों में हैं।