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Monday 18 May 2015 08:33:55 AM
उलानबटोर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगोलिया की संसद को संबोधित करते हुए कहा है कि मंगोलिया दुनिया में लोकतंत्र का नया चमकता प्रकाश है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मनुष्य के जीवन और राष्ट्र के जीवन के रूप में भी कुछ बातें दोस्ती के तोहफे जैसी बहुमूल्य होती हैं, इसलिए मैं अपने राष्ट्र की तरफ से कहता हूं कि हम मंगोलियाई जनता की दोस्ती के लिए दिल से आभारी हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मंगोलिया महत्वपूर्ण उपलब्धि के मोड़ पर हैं, हम राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष का जश्न मना रहे हैं, लेकिन हमारे संबंध असीम हैं, हम विकास का इतिहास मिलकर लिखेंगे। मंगोलिया के उलानबटोर में समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के लिए भी एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा का इससे बेहतर प्रारंभ नहीं हो सकता था कि मैंने इस दौरे की शुरूआत ऐतिहासिक गंदन मठ से की, वहां मैंने महाबोधि वृक्ष का पौधा भेंट किया, जो भारत की जनता की मैत्री का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब दो हजार वर्ष पहले भारत से बौद्ध भिक्षुओं ने मुश्किल क्षेत्रों को पार किया और भगवान बुद्ध का संदेश देने के लिए इस महान भूमि तक पहुंचने के वास्ते लंबी दूरी तय की, यहां से भी बहुत से लोग आध्यात्मिक ज्ञान लेने के लिए भारत गए। उन्होंने कहा कि सदियों पहले जब हमारे पास आवागमन के साधन सीमित थे, तब महान मंगोलों ने एशिया और यूरोप को एक किया, उनकी कहानी साहस, हिम्मत और निर्भीकता की कहानी है, जो दुनिया में आज भी सबको प्रेरित करती है, मानव इतिहास पर उनका बहुत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति मंगोलिया, चेयरमैन ग्रेट हॉल ऑफ मंगोलिया, संसद सदस्यों, डिप्लोमैटिक कॉर्प की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि मुझे महान लोगों के देश मंगोलिया आकर बहुत खुशी है, आपका देश हमें याद कराता है कि दुनिया कितनी खूबसूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास में हमारी अपनी संस्कृतियां, साहित्य और कला एक दूसरे से जुड़ती रहीं और आज भी भारत की विविधता और संस्कृति को समृद्ध बना रही है, आज भारतीय और मंगोल दुनिया को बता रहे हैं कि दिल और दिमाग कैसे दूरियों की बाधाएं पार पाने की ताकत देते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सन् 1990 से 2000 तक भारत के राजदूत कुशक बाकुला रिनपोचे के कार्य हमारे फलते-फूलते संबंधों का प्रतीक हैं, मंगोलिया में योग की प्रसिद्धि में भी हमें ऐसी ही भावना की एकता नज़र आती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वर्ष पहले 1 अरब 25 करोड़ लोगों के देश ने मानव इतिहास में सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में बदलाव और प्रगति के लिए मतदान किया था, एक साल से भी कम समय में, हमारी वृद्धि साढ़े सात प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और हमारे अंदर इससे भी तेजी से बढ़ने की क्षमता है, ऐसे समय जब विश्व अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है, तब दुनिया एक ही आवाज़ में कह रही है कि वैश्विक आर्थिक गति के लिए नया इंजन बनने की उम्मीद भारत ही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम जागरूक हैं कि भारत के सामाजिक और आर्थिक विविधता के असीम क्षेत्र में चुनौतियां मौजूद हैं, लेकिन अपनी ठोस नीतियों और सुशासन में हमारी पूरी आस्था है। उन्होंने कहा कि हम युवा भारत से ऊर्जा ग्रहण करते हैं, क्योंकि यहां 80 करोड़ लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, वे अपने सपने पूरे करने को उत्सुक हैं और उनमें ऐसा करने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने लोगों का जीवन बदल रहे हैं तो हमने दुनिया के लिए भी अवसर पैदा किए हैं, यह बुद्ध और गांधी की भूमि है, तभी तो हम दुनिया को प्राचीनकाल से ही एक परिवार मानते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था हमारे क्षेत्र और दुनिया को ताकत देगी तो उससे मंगोलिया को भी फायदा होगा, मंगोलिया की आर्थिक वृद्धि भी शानदार रही है, इसलिए हमारे आपसी संबंध भी दूरी और भौगोलिक मांग के बावजूद बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंगोलिया के समृद्ध खनिज संसाधन हमारी भागीदारी का र्इंधन बन सकते हैं और मुझे उम्मीद है कि अपने भागीदारों को चुनने के लिए जगह विशेष मंगोलिया के लिए बाधा नहीं बनेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम डिजिटल वर्ल्ड के आर्थिक अवसरों से फायदा उठा सकते हैं और बढ़ते साइबर खतरों से दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं, हम डेयरी में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग श्वेत क्रांति के लिए कर सकते हैं, हम मंगोलिया के प्लाज्मा संसाधनों के मूल्य संवर्धन के लिए मिलकर काम कर सकते हैं, हम मंगोलिया में किफायती आधुनिक स्वास्थ्य देखरेख के लिए भागीदारी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ व्यापार और निवेश ही नहीं, हमारी विकास भागीदारी से भी हमारे साझा आदर्शों और विजन का पता चलता है। प्रधानमंत्री की मंगोलिया यात्रा में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र के विस्तार, मंगोलिया में आइटीसी प्रशिक्षण केंद्रों को 150 से बढ़ाकर 200 करने, भारत-मंगोलिया जाइंट स्कूल स्थापित करने, मंगोलिया को मानव संसाधन विकास विकसित करने के लिए एक अरब अमरीकी डॉलर की क्रेडिट लाइन उपलब्ध कराने से दोनों देशों के विकास और संस्कृति से जुड़े संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा सुरक्षा सहयोग बढ़ रहा और खुशी है कि हमने सीमा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा में करीबी सहयोग के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि आज मंगोलिया भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अभिन्न अंग है, भारत और मंगोलिया की किस्मत एशिया प्रशांत क्षेत्र के भविष्य के साथ नजदीक से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मंगोलिया के पुरजोर समर्थन की मैं तहेदिल से सराहना करता हूं।