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नेपाल के भूकंप पीड़ितों की सहायता

भारतीय सेना का नेपाल में संयुक्त राहत अभियान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 May 2015 12:05:19 AM

indian army, assisted earthquake victims in nepal

काठमांडू/ नई दिल्ली। भारतीय सेना नेपाल की सेना के साथ घनिष्‍ठ तालमेल और सहयोग से भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सहायता उपलब्‍ध कराना जारी रखे हुए है। भारत के अति उन्‍नत हेलीकॉप्‍टर पोखरा और काठमांडू में राहत कार्य के लिए लगाए गए हैं और उन्‍होंने 15 मई से 134 उड़ानें भरकर 9 लोगों को निकाला और 167 अन्‍य के लिए 43.2 टन राहत सामग्री ऐसे स्‍थानों तक पहुंचाई, जहां पहुंचना बहुत कठिन था।
भारतीय सेना के फील्‍ड अस्‍पताल और चिकित्‍सा दलों ने 15 मई से 220 मरीजों का उपचार किया और 36 ऑपरेशन किए, जिनमें से 21 मरीजों को दाखिल किया गया। चरीकोट से चिकित्‍सा दल सिंगाती भेजा गया है, ऐसा भारतीय सेना के चिकित्‍सा सहायता पहुंचाने के कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया। इंजीनियरिंग टास्‍क फोर्स गिरी हुई इमारतों के मलबे को हटाने के काम में लगा है और उसने 2380 घन मीटर मलबे को हटाते हुए 2055 मीटर मार्ग साफ किया है। इसके अलावा 40 क्षतिग्रस्‍त मकानों का मलबा भी हटाया गया। इंजीनियरों ने अत्‍यधिक नुकसान पहुंची छह आरसीसी दीवारों और छह मकानों को नियंत्रित तरीके से ढहाए जाने का कार्य किया। इसके अलावा 15 मई के बाद से 4 मकानों, छत पर एक आश्रय, दो तम्‍बू के आश्रय और दो अन्‍य आश्रयों का निर्माण किया गया।
कार्यबल कमांडर ब्रिगेडियर जे गेमलिन ने पोखरा में नेपाल सेना के पश्चिमी डिविजन के कार्यवाहक जीओसी ब्रिगेडियर तारा बहादुर कार्की के साथ 19 मई को नेपाल के गोरखा जिले के लापराक और बारपाक क्षेत्र में हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया। उन्‍होंने गांववासियों और बारपाक गांव के पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की और सेना के इंजीनियर टास्‍क फोर्स ने लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल संकरन की कमान के तहत बारपाक में स्‍कूल भवन के जारी पुनर्निर्माण के बारे में जानकारी दी।
उधर नई दिल्ली में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कार्मिक, पेंशन एवं अंतरिक्ष राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह को नेपाल के भूकंप पीड़ितों के लिए 'भारत पेंशनर्स समाज' ने महासचिव एससी माहेश्‍वरी की अगुवाई में पेंशन बचत से एक चेक प्रदान किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने उनके इस बहुमूल्‍य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमारे अवकाश प्राप्‍त वरिष्‍ठ नागरिकों का अपनी पेंशन राशि से योगदान किया जाना विशेष अहमियत रखता है। उन्होंने कहा कि यह योगदान जहां एक ओर मानवता के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर उनका योगदान संकटग्रस्‍त पड़ोसी देश की सहायता करने में जुटे हम सभी के लिए एक वरदान है।
भारत पेंशनर्स समाज के महासचिव एससी माहेश्‍वरी ने कहा कि वरिष्‍ठ नागरिकों के रूप में वे भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास के विकास के साक्षी रहे हैं और उनके लिए नेपाल महज एक पड़ोसी देश नहीं है, बल्‍कि यह एक ऐसा मुल्‍क है, जो हमारे दिलों में बसता है और जहां के निवासी हमारे भाइयों एवं बहनों जैसे हैं। एससी माहेश्‍वरी ने डॉ जितेंद्र सिंह के सकारात्‍मक रुख की सराहना करते हुए कहा कि इससे देशभर के उन हजारों अवकाश प्राप्‍त कर्मचारियों एवं अधिकारियों का उत्‍साह बढ़ा है, जिन्‍हें पहले प्रशासन से काफी शिकायतें रहती थीं।

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