स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 27 January 2013 10:19:56 AM
लखनऊ। विधानसभा चुनाव 2012 में पराजित हुए कांग्रेस प्रत्याशियों की एक बैठक रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री की अध्यक्षता में हुई जिसमें उन्होंने अपने क्षेत्रों की स्थानीय समस्याओं को दूर करने तथा चुनाव लड़ने के लिए क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव दिए। कुछ प्रत्याशियों ने जहां घरेलू गैस सिलेंडर और अधिक बढ़ाए जाने की मांग की तो कुछ ने मनरेगा में जिला प्रशासन की धांधली का आरोप लगाया। ज्यादातर ने लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी काफी पहले ही उतारे जाने का सुझाव दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशियों से कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करें, जनता की कठिनाइयों को जिला, शहर कांग्रेस कमेटियों के साथ मिलकर दूर करने हेतु आंदोलन करें, केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने के लिए पूरी तत्परता के साथ जुट जाएं, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर सके।
निर्मल खत्री ने कहा कि जो भी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रहे हैं, वह उस क्षेत्र के नेता हैं, उन्हें स्थानीय संगठन से तालमेल बनाकर अभी से युद्ध स्तर पर लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत तैयारी शुरू कर देनी है। खत्री ने कहा कि अब शिकायतें बंद होनी चाहिएं, कार्य करना होगा, जहां भी आवश्यक होगा, वहां संगठन को दुरूस्त करने का भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक ओर जहां सभी मोर्चों पर विफल है, वहीं समाजवादी पार्टी ने विगत विधानसभा चुनाव में जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने में वह पूरी तरह फेल साबित हुई है।
इस मौके पर कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि हम सभी को पुरानी बातें भूलकर बड़ी लकीर खींचने की जरूरत है, लोकसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। झूठे वादों के बल पर सपा सरकार बनी है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने बताया कि बैठक में कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता नसीब पठान, पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी, राजेशपति त्रिपाठी, जोनल अध्यक्ष अनुग्रह नारायण सिंह, जोनल अध्यक्ष चौधरी बिजेंद्र सिंह, हरीश बाजपेई, विधायक प्रदीप चौधरी, बंशी पहाड़िया विधायक, नदीम जावेद विधायक, जोनल उपाध्यक्ष रफी राइनी, पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का, ओमकार नाथ सिंह, मदन मोहन शुक्ल आदि वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।