स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 20 July 2015 06:21:40 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि श्रम के सम्मान की दिशा में जागरूकता विकसित करना भारतीय समाज के लिए अनिवार्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कामगार को पारंपरिक तौर पर 'विश्वकर्मा' माना जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कामगार नाखुश होंगे तो देश खुश नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि केवल कानून से मनोवांछित परिणाम नहीं मिल सकते, श्रमिक संघों, उद्योगपतियों के संयुक्त प्रयास से ही ऐसे परिणाम प्राप्त होंगे, जो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के हित में हों, इस प्रकार के सफल उदाहरण अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से कानूनों में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' की अवधारणा के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने और अनावश्यक कानूनों को समाप्त किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कामगारों के बीच नवीन खोज के काम को महत्व देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कितने उद्योगपतियों ने कामगारों के बीच नवीनता को बढ़ावा देकर उन्हें उद्यमी बनाया है। इस संदर्भ उन्होंने उस सम्मान को याद किया, जो गत सेना दिवस पर भारतीय सेना में खोजकर्ताओं को दिया गया था। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों को भी नवीन खोजों को फलीभूत करने के प्रयासों में शामिल होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बारीक रेखा उद्योग जगत की भलाई और उद्योगपति की भलाई को अलग करती है और इसी प्रकार एक बारीक रेखा कामगार की भलाई और श्रमिक संघ की भलाई, राष्ट्र की भलाई और सरकार की भलाई को अलग-अलग करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक यूनिवर्सल एकाउंट नंबर के माध्यम से अब 4.67 करोड़ कामगारों के पास पोर्टेबल भविष्य निधि खाता है, जो उन्हें एक ऑनलाइन नेटवर्क से जोड़ता है। उन्होंने न्यूनतम पेंशन राशि को 1000 रूपये तक बढ़ाये जाने जैसे सरकार के कई अन्य कल्याणकारी उपायों की भी चर्चा की।
सम्मेलन के दौरान नेशनल करियर सर्विस पोर्टल और ईएसआईसी 2.0 का भी शुभारंभ किया गया, जो ईएसआईसी के सुधार की पहल है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि सरकार देश में श्रमिकों को उनका वाजिब श्रममूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में बहुत कुछ किया जाने वाला है। उन्होंने श्रमिकों के प्रति भावना और आदर प्रकट करते हुए शीघ्र ही श्रम सुधारों का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल राष्ट्र को समर्पित करने के साथ-साथ, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की सुधार पहल ईएसआईसी 2.0 की शुरूआत भी की। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त, कारपोरेट मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली, श्रम और रोज़गार (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय और सचिव श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय शंकर अग्रवाल भी उपस्थित थे।
इससे पहले कल प्रधानमंत्री ने वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालीय समूह के साथ विभिन्न श्रमिक संघों के नेताओं से मुलाकात की। इन नेताओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री ने आर्थिक नीति से संबंधित क्षेत्रों और उनसे जुड़े कानूनों सहित कामगारों के हितों के विभिन्न मुद्दे पर श्रमिक संघ के नेताओं के विचारों को सुना। बैठक में जिन श्रमिक संघों ने प्रतिनिधित्व किया, उनमें ऐटक (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, भारतीय मजदूर संघ, सीआईटीयू, हिंद मजदूर सभा, हिंद मजदूर संघ, आईएनटीयूसी, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन, नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, सेल्फ-एंप्लायड वीमेंस एसोशिएशन, ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस शामिल हैं। इस बैठक में केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और पेंशन और कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह उपस्थित थे।