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Wednesday 9 September 2015 12:44:17 AM
हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी में 29वें बैच के सहायक कमांडेंट/ सीधे नियुक्त, 9वें बैच के सहायक कमांडेंट/ विभागीय प्रविष्टि और 41वें बैच के सब इंस्पेक्टरों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि वे नए तरह के आतंकवाद और विद्रोही गतिविधियों जैसी उभरती चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें। उन्होंने वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सरकारी इमारतों की सुरक्षा और विमानन सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सीआईएसएफ की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारी पर जोर दिया।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि साइबर अपराध जैसे अपराध के नए क्षेत्रों से निपटने के लिए भी सीआईएसएफ को अपनी क्षमता में सुधार करना होगा, क्योंकि दुनिया डिजीटल हो गई है। उन्होंने कहा कि बल की संख्या वर्तमान 1.36 लाख से करीब 2 लाख करने के लिए पहल की गई है। गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतें देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का लगातार प्रयास कर रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान 2 खरब रुपए से 7 खरब रुपए तक पहुंचने की संभावना है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ की एक तिहाई ताकत में महिला जवानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने खुशी जताई कि सीआईएसएफ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों की विकास गतिविधियों में सक्रियता से शामिल है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के उचित और अधिकतम इस्तेमाल के लिए विशेष सुरक्षा ऑडिट की जरूरत है, वर्तमान में सीआईएसएफ में महिलाओं का हिस्सा केवल 5.04 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि संघशासित प्रदेशों की तरह सभी अर्द्धसैनिक बलों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके उनकी नियुक्ति की जाएगी। सीआईएसएफ के महानिदेशक सुरेंद्र सिंह का कहना था कि अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।