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Wednesday 9 September 2015 04:46:27 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने विभिन्न हितधारकों की ओर से मिले प्रस्तावों को देखते हुए रिटर्न एवं कर ऑडिट रिपोर्टों को दाखिल करने की तिथि 30 सितंबर 2015 कर दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को अब 30 सितंबर के बाद आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। करदाताओं को यह समय रहते अपने रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी गई है, ताकि अंतिम क्षणों में होने वाली भीड़-भाड़ से बचा जा सके।
भारत सरकार को विभिन्न हितधारकों की ओर से ऐसे प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें रिटर्न एवं कर ऑडिट रिपोर्टों को दाखिल करने की तिथि को 30 सितंबर 2015 से आगे बढ़ाने की मांग की गई थी। कंपनियों, फर्मों और प्रोपराइटरी व्यवसाय या पेशे में शामिल व्यक्तियों, जिनके खातों का अंकेक्षण या ऑडिट किया जाना है, समेत करदाताओं की कुछ खास श्रेणियों के वास्ते कर निर्धारण वर्ष 2015-16 के लिए आयकर रिटर्न 30 सितंबर 2015 तक दाखिल किया जाना है। ऑडिट रिपोर्ट को भी इसी तारीख तक दाखिल करना होगा। रिटर्न अधिसूचित करने में विलंब और ई-फाइलिंग वेबसाइट पर प्रपत्रों (फॉर्म) की उपलब्धता में देरी को इसके कारणों के रूप में गिनाया गया है।
सरकार में इस मसले पर विचार किया गया है कि आयकर रिटर्न फॉर्म-3, 4, 5, 6 एवं 7 जिनका उपयोग करदाताओं की उपर्युक्त श्रेणियों में किया जाता है, को 29 जुलाई 2015 को कर निर्धारण वर्ष 2015-16 के लिए अधिसूचित किया गया था। ये फॉर्म ई-सक्षम थे और 7 अगस्त 2015 से ही विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध थे। अत: इसके अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया गया। इन फॉर्मों में किए गए बदलाव विगत वर्षों की तुलना में व्यापक नहीं हैं। यही नहीं, या तो अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन अथवा विशेष घरेलू लेन-देन करने वाले करदाताओं के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उन्हें 30 नवंबर 2015 तक अपने रिटर्न दाखिल करने होंगे। सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को 30 सितंबर 2015 के बाद आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।