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हमें अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार की जरूरत-राष्ट्रपति

'भारतीय व्‍यापार प्रोबेशनर्स की भूमिका अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण'

प्रणब मुखर्जी की व्‍यापार सेवा के प्रोबेशनर्स को प्रेरणाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 12 September 2015 03:08:00 AM

pranab mukherjee

नई दिल्ली। भारतीय व्‍यापार सेवा के प्रोबेशनर्स के एक समूह ने राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। राष्‍ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा है कि वे एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, उन्‍हें निरंतर अपने को अपडेट रखने के साथ-साथ अत्‍याधुनिक डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी से लैस होना होगा। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इसके अलावा आज के वैश्विकरण युग में सभी व्‍यापार के महत्‍व को समझते हैं, व्‍यापार के संयोजन ने भी इस क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत से सेवाओं का निर्यात अब महत्‍वपूर्ण हो चुका है, हालांकि अभी निर्धारित लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में काफी समय लगेगा।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में आज भारत की सहभागिता करीब दो प्रतिशत है, जबकि चीन इस मामले में 12 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, इसलिए देश की आर्थिक स्थितियों को सही दिशा देने में भारतीय व्‍यापार प्रोबेशनर्स की भूमिका अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण होती जा रही है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय विदेश व्‍यापार नीति के कार्यांवयन और गठन के साथ-साथ निर्यातों के संवर्द्धन जैसी गतिविधियों में प्रोबेशनर्स शामिल होने जा रहे है। राष्‍ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को वर्तमान अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखने की सलाह दी, क्‍योंकि उनकी भूमिका एक व्‍यापार विनियामक से व्‍यापार सुविधा प्रदानकर्ता की होने जा रही है। प्रणब मुखर्जी ने क‍हा कि उन्‍हें व्‍यापार के संवर्द्धन, प्रोत्‍साहन और सुसाध्‍यकरण में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

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