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Wednesday 30 September 2015 12:06:37 AM
कोच्चि। नारियल विकास बोर्ड ने पिस्ता, गुलाब और चॉकलेट फ्लेवर में फ्लेवर्ड नारियल दूध का लोकार्पण किया है। बोर्ड आगे कॉफी और बादाम फ्लेवर में भी दूध उपलब्ध कराएगा। नाविबो प्रौद्योगिकी संस्था आलुवा में विकसित फ्लेवर्ड दूध आकर्षक कांच की बोतल, टेट्रा पैक और पेट बोतल में उपलब्ध होगा। दावा है कि यह दूध स्वास्थ्यवर्द्धक, वेगन और पर्यावरण के अनुकूल है एवं दूध का एक विकल्प है, जिसमें कई पौष्टिक गुण हैं और यह कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर भी है।
नारियल विकास बोर्ड ने नारियल डेयरी दूध की विशेषताओं के बारे में आगे बताया है कि सामान्य दूध की तुलना में नारियल दूध नियासिन यानी विटामिन बी-3 का बहुत धनी स्रोत है, अन्य बी-कॉम्पलेक्स विटामिनों के साथ नियासिन आहार में पोषक तत्वों के उपापचय में सहायता करता है, अतः इसे ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल बोर्ड का कहना है कि यह आयरन और तांबे का धनी स्रोत है और डेयरी दूध की अपेक्षा इसमें शक्कर कम है, जो भोजन में कार्बोहाइड्रेट को सीमित करने में फायदेमंद है। डेयरी दूध में निहित लाक्टॉस एक प्रकार की शक्कर है, जो कई लोगों को पचाने में मुश्किल होती है, डेयरी दूध की अपेक्षा नारियल दूध में लाक्टॉस नहीं है और इसमें कार्बोहाइड्रेट कम है और यह ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद है, जो दूध नहीं पचा सकते हैं।
फ्लेवर्ड नारियल दूध में स्थायी वसा संघटक 3-5 प्रतिशत है बताया गया है, जो आल्बुमिन, ग्लोबुलिन, प्रोलामिन एवं ग्लूटेन जैसे प्रोटीनों से भरपूर है। नारियल बोर्ड के अनुसार फ्लेवर्ड दूध के उत्पादन की प्रसंस्करण तकनीक नारियल किसान उत्पादक संगठनों और अन्य प्रत्याशित निजी उद्यमियों को तुरंत ही दी जाने वाली है। अधिक जानकारी के लिए आनी ईप्पन केमिस्ट (9446585237), नाविबो प्रौद्योगिकी संस्था, प्रौद्योगिकी विकास केंद्र, नारियल विकास बोर्ड, कीनपुरम, साउथ वाषक्कुलम, आलुवा, एरणाकुलम जिला, पो-683 105, दूरभाषः (0484) 2679680 ई-मेल: citaluva@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। इस दूध के बाजार में आने से गुणवत्तायुक्त दूध कंपनियों में प्रतिस्पर्धा पैदा हो सकती है। नारियल विकास बोर्ड ने अपने फेलेवर्ड दूध के बारे में जो दावे किए हैं, उनकी पुष्टि तो उपभोक्ता ही कर पाएंगे, मगर उसके दूध का शुरूआती आकर्षण जरूर उत्सुकता पैदा करता है।