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Thursday 29 October 2015 03:56:27 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों की दो दिवसीय 34वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा है कि पुलिस का प्रशिक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न स्मार्ट-संवेदनशील और सख्त, गतिशीलता के साथ आधुनिक, मुस्तैद और जवाबदेह, विश्वसनीय और प्रतिक्रियाशील, प्रशिक्षित और तकनीकी समझ के मुताबिक होना चाहिए। उन्होंने पुलिस को प्रौद्योगिकी व कंप्यूटर संबंधी प्रशिक्षण दिए जाने पर भी जोर डाला, ताकि वह प्रौद्योगिकी के कारण आ रही चुनौतियां का सामना कर सके।
हरिभाई पारथीभाई चौधरी कहा कि राष्ट्रीय संगोष्ठी एक ऐसा मंच है, जहां भारत में पुलिस प्रशिक्षण को लेकर एक रोडमैप तैयार किया जाता है, यह मंच अन्य राज्यों या इकाइयों से सीखने का एक अच्छा अवसर होता। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण में उत्कृष्टता लाने के उद्देश्य से उसके लिए एक रोडमैप विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, सीबीआई, एनआईए, बीएसएफ, सीआरपीएफ और अन्य अर्द्ध सैनिक बलों व केंद्रीय पुलिस के डीजीपी, एडीजीपी, आईजीपी रैंक के 50 से ज्यादा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन कई प्रसिद्ध वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक कृष्णा कुमार ने 'व्यापक प्रशिक्षण रणनीतियां' पर अपना मुख्य संबोधन दिया, प्रोफेसर सीपी श्रीमाली निदेशक एमआईडी गुड़गांव ने 'प्रशिक्षण में नवीन तकनीकों' पर अपना भाषण दिया, गीतिका शाह आईएसबी हैदराबाद ने 'प्रशिक्षण में केस स्टडी की विधि' पर चर्चा की। इसके अलावा 'व्याख्यान के अलावा, नए दौर के लिए प्रशिक्षण उपकरण' विषय पर पैनल चर्चा भी हुई। संगोष्ठी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तीन अलग-अलग सत्रों में अपने विचार साझा किए।