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Thursday 3 December 2015 04:00:03 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज 3 दिसंबर 2015 को राष्ट्रपति भवन में एक शपथ-ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 43वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान एवं पूर्व न्यायाधीश, देश के सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, कानूनविद् और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू का स्थान लिया है। वे 4 जनवरी 2017 तक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर के हाल के न्यायिक कार्यों पर प्रकाश डालें तो वे आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर फैसला सुनाने वाली बैंच के प्रमुख रहे हैं। शारदा चिट फंड घोटाले की जांच की निगरानी बैंच भी उनके अधीन है। यूपी के एनआरएचएम घोटाले की सुनवाई इन्हीं की देखरेख में चल रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती के मंत्रिमंडलीय सहयोगी रहे बाबू सिंह कुशवाहा आरोपी हैं। जम्मू कश्मीर राज्य के रामबन में 4 जनवरी 1952 को जन्में न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर के पिता भी जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश और बाद में केंद्रीय मंत्री हुए हैं।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने वर्ष 1972 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में वकालत शुरू की और सबसे पहले 16 फरवरी 1994 को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। इसके बाद वे 2009 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हुए। न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर 4 जनवरी 2017 तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। इनके बाद न्यायमूर्ति जगदीश खेहर मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। यूं तो वरिष्ठताक्रम में न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर के बाद न्यायमूर्ति अनिल आर देव का नाम आता है, किंतु वे 18 नवंबर 2016 को ही रिटायर हो जाएंगे। इनके बाद न्यायमूर्ति जगदीश खेहर का ही मुख्य न्यायाधीश पद पर नाम आता है और ऐसा होने पर न्यायमूर्ति जगदीश खेहर का कार्यकाल भी 8 महीने का होगा।