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Tuesday 12 January 2016 12:39:23 AM
नई दिल्ली। सेना दिवस पर भविष्य के संदर्भ में भारतीय सेना के क्षमता विकास और स्वदेशीकरण पर मानेकशॉ केंद्र दिल्ली कैंट में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ। भारतीय सेना की यह सेमिनार एक प्रमुख पहल है। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने सेमिनार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह, सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस रॉय, रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बलों, डीआरडीओ और सामरिक समुदाय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने मौजूदा रक्षा परिदृश्य में बढ़ती हुई चुनौतियों के कारण अपनी क्षमता और प्रतिक्रिया की जांच करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' एक प्रगतिशील मानसिकता है और इसके लिए सभी हितधारकों के बीच पूरी तरह से तालमेल की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सेमिनार की अपनी विषय वस्तु के अनुसार ही नए विचार सामने आएंगे।
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने क्षमता विकास और स्वदेशीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि क्षमता विकास एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो किसी संगठन के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसी सेना की सफलता नवीनतम प्रौद्योगिकी और उपयोगकर्ता द्वारा उसके उपयोग पर निर्भर करती है। स्वदेशीकरण के संबंध में उन्होंने यह उल्लेख किया कि 'मेक इन इंडिया' पहल के रूप में आज स्वदेशीकरण पर राष्ट्र का ध्यान केंद्रित है। सेमिनार में भारतीय सेना की क्षमता विकास की जरूरतों, वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियों का व्यापक रूप से मूल्यांकन किया गया। सेमिनार में वार्ताओं का ध्यान स्वदेशीकरण के मुख्य मंत्र को ध्यान में रखते हुए सतत क्षमता विकास को पूरा करने के लक्ष्य के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों का पता लगाने के बारे में केंद्रित रहा। रक्षामंत्री ने रक्षा उद्योगों के उत्पादों की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इसमें रक्षा क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधिओं और परियोजना दिग्गजों ने बड़ी संख्या में अपने उद्योग का प्रतिनिधित्व किया।