स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 January 2016 04:24:09 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गैर सरकारी संगठन ‘हेल्दी एजिंग इंडिया’ के एक कार्यक्रम में ‘युवा पीढ़ी के माध्यम से बुज़ुर्गों का सशक्तिकरण’ परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा है कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जो ‘विश्वगुरु’ या ‘वैश्विक शिक्षक’ बन सके और हमारी सभ्यता तथा मूल्य दुनियाभर के नागरिकों को प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकें। राजनाथ सिंह ने कहा कि बुज़ुर्गों की सेवा सहित जीवन के मूल्य हमारी परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जोकि हमारी बुज़ुर्ग आबादी के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वर्तमान में यह संख्या दस करोड़ से अधिक है और वर्ष 2050 तक इसके 30 करोड़ से अधिक पहुंच जाने का अनुमान है।
गृहमंत्री ने कहा कि वरिष्ठनागरिकों की देखभाल करना न केवल हमारी पारिवारिक प्रणाली का हिस्सा है, बल्कि इसे देश के नीति निर्देशक सिद्धांतों में भी निहित किया गया है और इसके अलावा ये सीपीसी, सीआरपीसी का हिस्सा होने के अलावा राज्यों और केंद्र के बीच आम शक्तियों की संवर्ती सूची का भी हिस्सा हैं। राजनाथ सिंह ने भगवान राम को याद करते हुए कहा कि अपने माता-पिता के वचन को कायम रखने और उनकी देखभाल करने के लिए उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को हमारे पारंपरिक मूल्यों को आवश्यक रूप से आत्मसात करना चाहिए, यह एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए, जिसमें दिमाग़ से ज्यादा दिल काम करे। उन्होंने कहा कि भारत ही ऐसा देश है, जहां रिश्तों को बहुत महत्व दिया जाता है, ये हमारे लिए आत्मीय और भावना प्रधान हैं और बुज़ुर्ग तो हमारे लिए अनुकरणीय एवं आदरणीय हैं।