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Thursday 21 January 2016 03:30:45 AM
नई दिल्ली/ जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की शाम अपने आवास 7 रेसकोर्स पर एक भव्य समारोह में एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा की आत्मकथा पुस्तक द ज़ेड फेक्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सुभाष चंद्रा को समाज के कमजोर वर्गों के लिए सदैव तत्पर रहने वाली बड़ी शख्सियत करार दिया। प्रधानमंत्री ने सुभाष चंद्रा के साथ हुई पिछली मुलाकातों से जुड़े कुछ किस्सों को भी याद किया। आत्मकथा का पूरा शीर्षक है-द ज़ी फैक्टर: माई जर्नी एज़ द रॉन्ग मैन एट द राइट टाइम। इस पुस्तक को प्रांजल शर्मा के साथ लिखा गया है। प्रधानमंत्री ने डॉ सुभाष चंद्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि आत्मकथा लिखना काफी हिम्मत की बात है, सुभाष चंद्रा के स्वभाव में रिस्क लेना है और रिस्क लेकर ही वे यहां तक पहुंचे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका सुभाष चंद्रा से पहले उनके पिता से परिचय था, जिनका परिवार सामाजिक कार्यों में लगा है और आज वे देशभर में आदिवासी बच्चों के लिए एकल विद्यालय भी चलाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुभाष चंद्रा के बारे में अपने विचार जारी रखते हुए कहा कि मैंने सुभाष चंद्रा को कभी तनाव में नहीं देखा, वे हमेशा प्रसन्नचित रहते हैं और यह भी बड़ा कठिन काम है। उन्होंने कहा कि जीवन की हर स्थिति में सुभाष चंद्रा ने खुद को उपयुक्त पाया और काम ने ही उनके लिए आगे का रास्ता बनाया है। सुभाष चंद्रा ने भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में अपने जीवन के संघर्षशील और भावनात्मक उद्गारों को व्यक्त किया और कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए केंद्रित होना और दृढ़ संकल्प महत्वपूर्ण है। समारोह में देश की कई हस्तियां मौजूद थीं। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर, रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, केंद्रीय गृहमंत्री रहे और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अमर सिंह, चरित्र अभिनेता अनुपम खेर, अभिनेता अक्षय कुमार, फिल्म निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर समेत कई अन्य प्रमुख लोग इनमें शामिल हैं।
डॉ सुभाष चंद्रा ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और बच्चों और लोगों के मनोरंजन की दुनिया में ज़ी न्यूज़, ज़ी टीवी और एस्सेल वर्ल्ड के रूप में बड़ा नाम कमाया है। वर्ष 1992 में देश का पहला उपग्रह हिंदी चैनल ज़ी टीवी लाने और बाद में पहला प्राइवेट न्यूज़ चैनल लाने का उन्हें श्रेय जाता है। बहुत से लोग उन्हें भारत में सेटेलाइट टीवी का जनक मानते हैं। वे इंटरनेशनल एमी डॉयरेक्टोरेट अवॉर्ड से सम्मानित हुए हैं और यह अवॉर्ड पाने वाले वह पहले भारतीय हैं। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन ने डाक्टरेट की मानद उपाधि भी दी है। डॉ सुभाष चंद्रा का मीडिया और मनोरंजन कारोबार अब व्यापक है। डॉ सुभाष चंद्रा एकल विद्यालय फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं। यह फाउंडेशन ग्रामीण और आदिवासी भारत से निरक्षरता का उन्मूलन में सक्रिय है। इसमें एक शिक्षक वाले स्कूलों के माध्यम से देश के करीब 27,000 गांवों में लगभग आठ लाख आदिवासी बच्चे मुफ्त शिक्षा प्राप्त करते हैं।
जयपुर में भी आज कई बड़ी हस्तियों की मौजूदगी में ज़ी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस पुस्तक का विमोचन किया गया। यहां भी सुभाष चंद्रा ने अपने और अपने व्यवसाय शुरूआत से सफलता तक के बारे में विचार व्यक्त किए। इस मौके पर वल्लभ भंसाली और भाजपा के प्रवक्ता एमजे अकबर भी मौजूद थे। किताब को हार्पर कोलिंस ने प्रकाशित किया है। यह संबद्ध स्टालों पर आ गई है। फ्लिपकार्ट और अमेज़न इंडिया पर प्री-ऑर्डर के लिए यह पहले से ही उपलब्ध है। पुस्तक प्रोमो, कार्यक्रम अपडेट और पुस्तक के कुछ अंश अब ट्विटर और फेसबुक पर भी हैं। जयपुर में नौवें ज़ी लिट्रेचर फेस्टिवल का राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। यह साहित्य उत्सव पांच दिन तक चलेगा। सुभाष चंद्रा ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि किस तरह से एक लड़का 17 रुपये लेकर घर से निकला और आज वह 17 हजार करोड़ का कारोबारी है।