स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 28 January 2016 05:59:48 AM
नई दिल्ली/ लखनऊ। उच्चतम न्यायालय ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय मिश्रा को उत्तर प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है और 16 दिसंबर 2015 को अवकाशप्राप्त न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह यादव को लोकायुक्त नियुक्त किए जाने का अपना आदेश वापस ले लिया है। ज्ञातव्य है कि अभी तक न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त थे। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त के चयन का मामला काफी समय बाद जाकर सुलझा है। इस पद के लिए राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राज्य के नेता विरोधी दल में विभिन्न कारणों से नामों पर असहमतियों के कारण काफी समय से लोकायुक्त की नियुक्ति टलती आ रही थी, इसे देखते हुए उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा और अंततः आज अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय मिश्रा की नियुक्ति की घोषणा के साथ उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति विवाद समाप्त हुआ।
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त के रूप में न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा का सर्वाधिक लंबा कार्यकाल रहा है। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति का विवाद काफी समय से चल रहा था। लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बहुत बैठकें हुईं, किंतु जो भी नाम आए उनमें से किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन सकी, जिससे उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। लोकायुक्त की नियुक्ति मामले में स्थिति उस समय विकट हुई, जब उच्चतम न्यायालय ने नाराज़गी प्रकट की और चयन समिति के सभी सदस्यों पर प्रश्न चिन्ह लगाया। उच्चतम न्यायालय ने अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति वीरेंद्र यादव को लोकायुक्त नियुक्त करने की घोषणा कर दी, जिनके शपथ ग्रहण की तिथि भी तय कर दी गई थी कि उच्चतम न्यायालय के सामने इसके संबंध में याचिका आने से और न्यायमूर्ति वीरेंद्र यादव के नाम पर भी आपत्ति आने से शपथ ग्रहण स्थगित हो गया था। मामले की सुनवाई के लिए कई तारीखें लगीं और अंततः आज वीरेंद्र यादव के स्थान पर न्यायमूर्ति संजय मिश्रा के नाम की घोषणा की गई। इसी के साथ इस विवाद का समापन हुआ।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश के नए लोकायुक्त के चयन के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। राज्यपाल राम नाईक ने एक बयान जारी कर कहा है कि मैंने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हमेशा सम्मान किया है, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति राजन गोगोई तथा पीसी पंत की खंडपीठ के न्यायमूर्ति संजय मिश्रा को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किए जाने के लिए पारित आदेश का सम्मान करता हूं। भारतीय जनता पार्टी ने भी लोकायुक्त की नियुक्ति के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि शासन चला पाने में पूरी तरह अक्षम सिद्ध हो चुकी अखिलेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर आईना दिखाया है। प्रदेश भाजपा मुख्यायल पर पत्रकारों से भाजपा प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन ने कहा कि संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने वाली सपा सरकार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरी है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि लोकायुक्त मसले पर पूरे देश में प्रदेश की छवि खराब हो रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नए लोकायुक्त के आने से जनमानस को संतुष्टि मिलेगी और भ्रष्टाचार के सत्ता संरक्षण पर भी अंकुश लगेगा।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की भी दर्जनों बार सार्वजनिक स्वीकारोक्ति हो चुकी है कि अखिलेश यादव मंत्रिमंडल के आधे से अधिक मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, यही कारण है कि अखिलेश सरकार एक सशक्त, निष्पक्ष लोकायुक्त की नियुक्ति में बाधा खड़ी कर रही थी। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार की करतूतों पर पर्दा डालने के लिए निकट संबंधी को ही लोकायुक्त बनाने की जिद पाले हुए थे और बसपा भी इस खेल में शामिल थी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सपा और बसपा लोकायुक्त नियुक्त में देरी और राजनीति करने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगे।