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Thursday 4 February 2016 03:32:34 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के युवा प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि आतंकवाद और कट्टरवाद को पराजित करने के लिए धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद की ताकत एक मजबूत हथियार है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत में सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता का एक अनिवार्य हिस्सा है, हमें इस लोकतांत्रिक विरासत की रक्षा करनी है और धर्मनिरपेक्षता को समाज की प्रगति, भाईचारे और एकता के लिए एक हथियार के रूप में उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि हमें धर्मनिरपेक्षता की शक्ति का उन ताकतों के खिलाफ इस्तेमाल करना है, जो समाज में विभाजन और टकराव पैदा करना चाहती हैं। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी धर्म के साथ जोड़ना गलत है, अगर हम आतंकवाद को किसी धर्म से जोड़ेंगे तो आतंकवादी तत्व अपने मकसद में सफल हो जाएंगे।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता शब्दों का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता को समाज में एकता और सद्भाव को मजबूत करने के लिए एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ धर्मनिरपेक्षता के राजनैतिक चैंपियनों ने धर्मनिरपेक्षता की मूल भावना को प्रभावित किया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह एक महान लोकतांत्रिक देश भी है। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न धर्म, भाषाएं, संस्कृति और विविधताएं हैं, लेकिन भारत संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के माध्यम से कार्य करता है ना कि ‘धार्मिक फतवों या बातों से’। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए युवाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, युवाओं को आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘जारूकता युद्ध’ शुरू करना होगा। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रही है, इस दृष्टिकोण के कारण आतंकवादी और उनके सरगना खासतौर से परेशान हैं।