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Saturday 13 February 2016 02:37:23 AM
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास संबंधी केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने 'गंतव्य पूर्वोत्तर-2016' पर्व का उद्घाटन किया। इसका आयोजन पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय ने किया है। 'गंतव्य पूर्वोत्तर' में पूर्वोत्तर क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि युवा उद्यमी और स्टार्टअप के लिए पूर्वोत्तर को महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में पूर्वोत्तर पर्व पर मुंबई और बैंगलुरू में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, पूर्वोत्तर तक ज्यादा पहुंच बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, इनमें से एक है दिल्ली से दीमापुर के बीच सीधी उड़ान सेवा। उन्होंने कहा कि देश के बाकी हिस्से को पूर्वोत्तर से जोड़ने की जरूरत है, जिससे ये अर्थपूर्ण सिद्ध हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर के विकास में रूचि ले रहे हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने इस विषय पर जोर दिया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मानव संसाधन का विकास सुनिश्चित करके पूर्वोत्तर के अकादमिक संस्थाओं के उन्नयन की जरूरत है। उद्घाटन समारोह में किरेन रिजिजू ने कहा कि विकास करना है तो दूरी और जगह के कोई मायने नहीं हैं, विकास का इंजन जन आकांक्षाओं से तैयार होता है, जगह देख कर नहीं। मेघालय के मुख्यमंत्री डॉ मुकुल संगमा ने कहा कि भौगोलिक रुकावटों के बावजूद पूर्वोत्तर प्रगति करता जा रहा है, जरूरत है पूर्वोत्तर की अद्वितीय और नायाब शक्तियों के दोहन की। उन्होंने कहा कि यही वह दौर है, जब ज्यादा तेजी से विकास का पहिया घूमना चाहिए। पूर्वोत्तर की अर्थव्यवस्था के विकास में बांस की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनोखी घास है, जो सही मायने में पूर्वोत्तर की तस्वीर बदल सकती है। पर्यटन मंत्रालय के सचिव विनय जुत्शी ने कहा कि भारत सरकार पूर्वोत्तर के पर्यटन को बढ़ावा देने और सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अतुल्य भारत के दायरे में अभी तक अनछुआ स्वर्ग है।
पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय के सचिव नवीन वर्मा ने कहा कि गंतव्य पूर्वोत्तर, विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों से सहयोग का मंच है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास की पहल के लिए कई सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने और आईटी के अवसरों का सृजन और इस क्षेत्र को हर तरह से उभारना शामिल है। सत्र के दूसरे दिन आपसी बातचीत के माध्यम से पूर्वोत्तर की आजीविका के मौके बढ़ाना, समावेशी विकास के लिए सूक्ष्म वित्तीय प्रबंध करना, इस क्षेत्र में स्टार्टअप अवसरों और चुनौतियां का समावेश, हैंडलूम से लेकर निर्माण सामग्री और वस्त्रों के मूल्यों से जुड़ी समूची वृद्धि, कुशलता विकास और उद्यमशीलता को उन्नत बनाने और पूर्वोत्तर में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक प्रीमियम ब्रांड के रूप उभारने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर लोक संगीत और नृत्य का मिलाजुला सांस्कृतिक आयोजन किया गया।
गंतव्य पूर्वोत्तर में बिहू नृत्य के जरिए प्रसिद्ध नर्तकी मधुरिमा, लोक संगीत की हस्ती गुरु मधुरिमा चौधरी, पूर्वोत्तर के संगीत के लोकप्रिय रॉक म्यूजिक के साथ ही रिवर्स ट्रेजडी बैंड के प्रदर्शन और निफ्ट के फैशन शो के अलावा स्कूली बच्चों के क्विज, एकल और समूह के नृत्य और हिंदुस्तानी, इंडियन पॉप, वेस्टर्न पॉप और शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीतों ने वातावरण को संगीतमय बना दिया। तीन दिन तक चलने वाली विशेष व्यापार शिखर बैठक के तहत पर्यटन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, कुशलता विकास और उद्यमशीलता, आईटी, हैंडलूम और हस्तकला, आजीविका, सूक्ष्म वित्तीय और स्टार्टअप पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। गंतव्य पूर्वोत्तर-2016 के जरिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों को पूर्वोत्तर भारत में अपनी कई पहलों का प्रदर्शन करने का मौका मिला है। आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये समृद्ध संस्कृति और यहां के लोक नृत्यों की झलक देखने को मिली है।