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Sunday 21 February 2016 05:34:31 AM
नई दिल्ली। मॉरीशस की सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्रीय अखंडता एवं सुधार संस्थान मंत्री फजीला जीवा दौरियावू और भारत के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने एक बैठक में भाग लिया। मॉरीशस की मंत्री के साथ भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त जे गोवर्धन भी थे, जबकि भारत के संयुक्त सचिव एके अवस्थी और दिव्यांग अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव मुकेश जैन ने भी बैठक में भाग लिया। मॉरीशस की मंत्री फजीला जीवा दौरियावू ने दिव्यांग व्यक्तियों से संबंधित विभिन्न नीतिगत मामलों एवं योजनाओं पर दोनों सरकारों के बीच जारी सहयोग को लेकर कृतज्ञता जाहिर की। उन्होंने डीईपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया है कि वह उन्हें उन महंगे सहायक यंत्रों एवं उपकरणों की सूची मुहैया कराए, जो डीईपीडब्ल्यूडी से दिव्यांग व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं। मॉरीशस की मंत्री फजीला जीवा दौरियावू ने भारत सरकार के विभिन्न कानूनों को ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत में सरकारी स्तर दिव्यांगों के लिए भी बहुत अच्छा काम हो रहा है।
मॉरीशस की मंत्री फजीला जीवा दौरियावू ने सुगम्य भारत अभियान के क्रियांवयन के संबंध में काफी दिलचस्पी प्रदर्शित की। उन्होंने डीईपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया है कि वह उन्हें इसका विवरण उपलब्ध कराए कि किस प्रकार सुगम्य भारत अभियान को दिव्यांग व्यक्तियों के लिहाज से क्रियांवित किया जा रहा है। फजीला जीवा दौरियावू ने भारत के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री को वर्तमान आरक्षण नीति के बारे में जानकारी दी, जिसे मॉरीशस में दिव्यांग व्यक्तियों के लिहाज से क्रियांवित किया जा रहा है। उन्होंने जिक्र किया कि वर्तमान में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए केवल दो प्रतिशत आरक्षण है और वहां यह आरक्षण केवल निजी क्षेत्र में है। उन्होंने सरकारी क्षेत्र में भारत सरकार के दिव्यांग व्यक्तियों के लिए क्रियांवित आरक्षण के अनुभव के लिहाज से इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मॉरीशस सरकार सरकारी क्षेत्र में भी आरक्षण को विस्तारित करना चाहती है, सहायता मांगी।
फजीला जीवा दौरियावू ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए नए विधेयक पर भी विस्तार से चर्चा की, जिसे संसद में पेश किया गया है। उन्होंने जिक्र किया कि मॉरीशस में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट रूप से ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस सरकार का इरादा अब विशिष्ट रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कानून लाने का है और उन्होंने मॉरीशस में ऐसा कानून लाने के मामले में भारत सरकार से सहायता मांगी है। यह बैठक वर्तमान समझौता ज्ञापन पर आधारित कार्यक्रमों एवं नीतियों के मामले में एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के दोनों पक्षों के अपने इरादों को दोहराए जाने के साथ संपन्न हुई।