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जनजा‍तीय मामलों की 'उन्नत' वेबसाइट

साइट पर तमाम जरूरी जानकारियां-जुआल ओरांव

जनजा‍तीय मंत्रालय भी हुआ औरों की तरह हाईटेक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 2 March 2016 11:32:41 PM

national commission for scheduled tribes, website launch

नई दिल्ली। जनजा‍तीय मामलों के मंत्री जुआल ओरांव ने नई दिल्ली में 'उन्नत' नाम से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की वेबसाइट लांच की। जुआल ओरांव ने वेबसाइट तैयार करने में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वेबसाइट में शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, मीडिया के लोगों तथा जनसाधारण के लिए सूचना का भंडार है। जुआल ओरांव ने सुझाव दिया कि वेबसाइट में इंटरऐक्टिव सेक्शन, मोबाइल ऐप जैसी अतिरिक्त विशेषताएं और इंटरऐक्टिव टोल फ्री नंबर भी जोड़े जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय विभिन्न जनजातीय विषयों पर दिल्ली तथा दिल्ली से बाहर सेमिनार आयोजित करने में एनसीएसटी की मदद करेगा। वेबसाइट का http://www.ncst.gov.in लिंक है।
जुआल ओरांव ने कहा कि 'उन्नत' वेबसाइट भारत सरकार के जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप है, इसमें अनुसूचित जनजातियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों तथा सुरक्षा उपायों की प्रभावी जानकारी है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट का उद्देश्य याचिका दाखिल करने वालों, शिकायतकर्ताओं सहित सभी हितधारकों को याचिकाओं, शिकायतों तथा समीक्षाओं के संबंध में आयोग की रिपोर्ट उपलब्ध कराने में सहायता देना है। उन्नत वेबसाइट की अग्रणी विशेषताओं में ओपेन सोर्स टैक्नोलॉजी है, जिसमें एनआईसी के पहले सर्वर के स्‍थान पर भारत सरकार के क्लाउड सर्वर पर पोस्ट किया जा सकता है, यह सोशल मीडिया यानी फेसबुक, ट्वीटर, पिनटरेस्ट, यूट्यूब से भी जुड़ा है, इसमें वीडियो स्ट्रीनिंग और प्रश्नोत्तर सेक्शन भी है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर ओरांव ने नई वेबसाइट की प्रमुख विशेषताओं के बारे में संक्षिप्त प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर जनजा‍तीय मामले मंत्रालय के सचिव डॉ श्याम एस अग्रवाल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव अनिल के अग्रवाल, मंत्रालय तथा एनसीएसटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संविधान के (89वां संशोधन) अधिनियम 2003 के माध्यम से अनुच्छेद 338 को संशोधित कर तथा संविधान में नया अनुच्छेद 338ए शामिल करके राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई। इस संविधान संशोधन से पूर्ववर्ती राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग की जगह दो नए आयोग-राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएसएसी), राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) 19 फरवरी 2004 को बनाए गए।

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