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Tuesday 8 March 2016 12:10:51 PM
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अर्नेस्ट एंड यंग को अपने व्यापक विज्ञापन अभियान में शामिल किया है। यह एक वैश्विक कंपनी है जो भारतीय रेल के स्टेशनों और रेलगाड़ियों में व्यापक रूप से विज्ञापन क्षमता के अवसरों की पहचान कर और उसे पूरा करने के तौर-तरीकों पर सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका निभायेगी। अर्नेस्ट एंड यंग बहुराष्ट्रीय पेशवर सेवाएं देने वाली कंपनी है और इसका मुख्यालय लंदन में है। यह कंपनी बीमा, टैक्स, लेन-देन व्यापार और परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी वैश्विक कंपनी भी है। इसका कई देशों के साथ कारोबार है और यह अलग से कानूनी कार्यक्रम भी चलाती है। रेलवे जैसे सार्वजनिक उपक्रम के तहत राइट्स सलाहकार विभाग है और इसने अर्नेस्ट एंड यंग को बहुपार्टी नीलामी संबंधी सेवाएं दे रखी हैं। शुरुआती पहल इस बात का संकेत है कि अगले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे अपने विज्ञापन पर 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगा।
भारतीय रेलवे ने अपनी क्षमताओं का विज्ञापन करने के मद में समूचे देश के करीब 7000 रेलवे स्टेशनों के व्यापक नेटवर्क के तहत चलने वाली रेलगाड़ियों और उसकी पूंजी क्षमता को जांचने के लिए अर्नेस्ट एंड यंग को जिम्मेदारी सौंपी है। अर्नेस्ट एंड यंग ने अपने विशिष्ट कार्यक्रमों के तहत मार्केटिंग एंड एडवरटाइजिंग रिस्क सर्विसेज (मार्स) को रेलवे की सेवाओं के लिए प्रस्तुत करने का प्रस्ताव किया है। इससे समूचे भारत के रेलवे स्टेशनों की क्षमता की पहचान करने में मदद मिलेगी और विज्ञापनदाताओं को अपनी मूल्यगत रणनीति को विकसित करने में सहूलियत होगी। भारतीय रेलवे की इस अनोखी पहल से निवेश की भरपाई में स्वाभाविक मदद मिलेगी। विज्ञापन के परम्परागत तौर-तरीके से निजात मिलने के साथ ही ज्यादा समय के लिए ज्यादा यात्रियों और ग्राहकों को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त रेलवे अपनी टिकटिंग और स्टेशन से जुड़े आंकड़े को व्यवस्थित कर पाएगा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने विभाग के अधिकारियों और अर्नेस्ट एंड यंग के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बारे में कहा कि दोनों के बीच वार्ता का दौर समाप्त हो गया है, भारतीय रेलवे ने इस पहल के जरिये यात्रियों पर कोई बोझ बढ़ाये बिना राजस्व बढ़ाने का फैसला किया है। अर्नेस्ट एंड यंग और भारतीय रेलवे परिसम्पत्तियों के अधिकतम असरदार दोहन के लिए इस परियोजना के जरिये अग्रणी विज्ञापन उत्पन्न करने वाली कंपनी होगी। अतीत में रेलवे ने विज्ञापन के जरिये राजस्व कमाया था, लेकिन गाड़ियों और स्टेशनों पर विज्ञापन के लिए जगह सीमित रही है, पहली बार देश में व्यापक पैमाने पर परियोजना की पहचान की गई और समूचे भारत में विज्ञापन के मौकों का सूत्रपात हुआ। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु हमेशा विज्ञापनों के जरिये नॉन फेयर बॉक्स रूट से राजस्व बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। कंपनी ने अपना काम भी शुरू कर दिया है।
अर्नेस्ट एंड यंग के भागीदार और मीडिया और मनोरंजन के राष्ट्रीय सूत्रधार फारूख बलसारा ने कहा कि इतने व्यापक पैमाने पर परिसम्पत्ति के विज्ञापन के वास्ते दोहन और इस काम के लिए राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन कभी नहीं हुआ था, परियोजना में भारतीय रेलवे के जुड़ने पर हमें गर्व और खुशी है। इस कार्य से विज्ञापन के जरिये राजस्व बढ़ेगा और इसके बदले यात्रियों की सेवाओं में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य से कामकाज में बेहतरी आयेगी। भारत में अर्नेस्ट एंड यंग निदेशक भारत राजमणि ने बताया कि इस पहल से हम अपने लक्ष्य यानी यात्रियों तक सुविधाएं लेकर पहुंचेंगे, इससे विज्ञापनदाता के रूप में नया माध्यम भी पैदा होगा। भारतीय रेलवे की अपनी उच्च पहुंच और भारी-भरकम कार्यों में गतिशीलता आयेगी, इससे स्थानीय और राष्ट्रीय ग्राहकों दोनों को फायदा होगा।