स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 9 March 2016 05:55:56 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा है कि सरकार पड़ोसी देशों के साथ भूमि सीमा से कारोबार बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेगी। लैंड पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई) के चौथे स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से भारत के विकास के लिए भूमि सीमा के जरिए व्यापार को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। किरन रिजिजू ने कहा कि सभी विकसित देश, यहां तक काफी छोटे देश भी अपने पड़ोसी देशों के साथ भूमि सीमा से काफी कारोबार करते हैं, क्षेत्रीय विकास और समृद्धि का इससे काफी गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ ज्यादा उत्पादक संपर्क सुनिश्चित करने के लिए कारोबार के नए मार्ग तलाश करने होंगे, खासकर पूर्वोत्तर में जहां सभी राज्यों की सीमाएं पड़ोसी देशों से मिलती हैं।
गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने इसे समझा है और अब उसने भारत माला परियोजना शुरू की है, इसके तहत भारत की भूमि सीमा और समुद्र तटीय सीमा से लगे मार्गों को राजमार्गों में बदला जाएगा और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों के उलट लैंड पोर्ट विकसित करना अलग तरह की चुनौती है, यह इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर की कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सीमा प्रबंधन विभाग के सचिव अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एलपीएआई समेकित चेकपोस्ट विकसित कर रहा है, इसमें इस क्षेत्र का परिदृश्य बदल देने की क्षमता है। एलपीएआई के चेयरमैन वाईएस शहरावत ने कहा दक्षिण एशिया के देशों के बीच आपसी व्यापार काफी कम यानी उनके कुल व्यापार का सिर्फ पांच प्रतिशत है, यह अफ्रीका के सब-सहारा क्षेत्र के देशों से थोड़ा ही अधिक है। उन्होंने कहा कि अथॉरिटी जल्द ही नेपाल सीमा पर रक्सौर और म्यांमार सीमा पर मोरेह में आईसीपी शुरू करेगी।
भारत के विदेश सचिव रहे श्याम सरन ने कहा कि भूमि सीमाओं को खतरनाक जगहों के तौर पर नहीं देखना चाहिए, सीमा की दूसरी ओर के देशों को दुश्मन की तरह नहीं देखा जाना चाहिए, ऐसा नहीं समझना चाहिए कि वे हमारे हितों के दुश्मन हैं, इसकी तुलना में इन सीमाओं को आपस में संपर्क बढ़ाने वालों के तौर पर देखा जाना चाहिए। गृह राज्यमंत्री ने इस मौके पर एलपीएआई का लोगो जारी किया, साथ ही इसकी वेबसाइट भी लांच की। लैंड पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया 1 मार्च 2012 को अस्तित्व में आया था, इसकी स्थापना लैंड पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया अधिनियम 2010 के तहत हुई थी, यह एक संवैधानिक निकाय है। यह एक कॉरपोरेट निकाय की तरह काम करता है, जो सीमा प्रबंधन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आता है। सीमा प्रबंधन विभाग गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। एलपीएआई को भारत की सीमाओं को पार करने में बेहतर प्रशासन और सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने का अधिकार है। द लैंड पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े नियम 20 जुलाई 2011 को प्रकाशित किए गए थे। एलपीएआई को इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट यानी आईसीपीएस की योजना बनाने उन्हें विकसित करने, उनका निर्माण करने, उनका प्रबंधन और रखरखाव करने का अधिकार है।