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Saturday 26 March 2016 05:02:06 AM
नई दिल्ली। भारत-रूस संयुक्त आयोग की द्विपक्षीय सहयोग पर बातचीत करने के लिए एक बैठक हुई, जिसमें रूसी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता रूसी नागरिक प्रतिरक्षा संघ, आपात स्थिति एवं प्राकृतिक आपदा दुष्परिणाम उन्मूलन मंत्री व्लादिमीर ऐंड्रिविच पुचकोव ने की, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की। गृहमंत्री ने कहा कि दोनों देश भूगोल, इतिहास एवं संस्कृति से जुड़े हुए हैं तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दोनों के बीच आपसी संपर्क लगातार आगे बढ़ता रहा है। राजनाथ सिंह ने जिक्र किया कि पिछले वर्ष मार्च में जापान के सेंडई में आपदा जोखिम कमी पर आयोजित तीसरे विश्व सम्मेलन के दौरान हम लोगों ने आपातकालीन स्थिति, प्राकृतिक आपदा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में वर्तमान में जारी सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई थी।
गृहमंत्री ने कहा कि भारत विश्व में सबसे अधिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एक है। उन्होंने कहा कि बाढ़, सूखा, तूफान एवं भूस्खलन यहां अक्सर होते रहते हैं, भारत विकास कार्यक्रमों के साथ आपदा जोखिम में कमी के समन्वय के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विचार-विमर्श का परिणाम दोनों देशों की क्षमता निर्माण में व्यापक एवं संरचित सहयोग का रास्ता प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री और रूसी संघ के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक सम्मेलन मुलाकात भारत और रूसी संघ के बीच सामरिक साझेदारी के तहत सर्वोच्च संस्थागत वार्ता तंत्र है। किरेन रिजिजू ने कहा कि आपदा प्रबंधन का क्षेत्र मित्रता के एक नए युग का सूत्रपात करेगा, जो दोनों पक्षों को प्राकृतिक आपदाओं की बारंबारता के कारण होने वाले जोखिमों को कम करने की दिशा में घनिष्ठतापूर्वक काम करने में सक्षम बनाएगा। रूसी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के मुख्यालय का दौरा किया, जहां एनडीआरएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने भ्रमणकारी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष प्रस्तुतिकरण पेश किया।