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Tuesday 6 September 2016 06:35:37 AM
नई दिल्ली। भारत-चिली अधिमान्य व्यापार समझौते के विस्तार के समझौते पर आज वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया और चिली के राजदूत एंड्रेस बार्बे गोंजालेज के मध्य आयोजित बैठक के दौरान हस्ताक्षर किए गए। भारत और चिली के मध्य अधिमान्य व्यापार समझौते पर इससे पहले 8 मार्च 2006 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह समझौता अगस्त 2007 से लागू हुआ था। मार्च 2006 में समाप्त मूल पीटीए में चिली के लिए भारत की प्रस्ताव सूची में 8 डिजिट स्तर पर 10 से 50 प्रतिशत स्तर की मार्जिन ऑफ प्रिफेरेंस के साथ 178 टैरिफ लाइनों में शामिल हैं, जबकि चिली की भारत के लिए पेशकश सूची में 8 डिजिट स्तर पर 10 से 100 प्रतिशत स्तर की एमओपी के साथ 296 टैरिफ लाइनें शामिल हैं।
विस्तारित पीटीए के तहत चिली ने 30 से 100 प्रतिशत के मध्य एमओपी के साथ 1798 टैरिफ लाइनों पर छूट देने का प्रस्ताव किया है, जबकि भारत ने चिली को 10 से 100 प्रतिशत के मध्य एमओपी स्तर पर 8 डिजिट स्तर की 1031 टैरिफ लाइनों पर छूट देने का प्रस्ताव किया है। भारत का चिली के साथ निर्यात विविध प्रकार का है और चिली के प्रस्तावित टैरिफ लाइनों की व्यापक विविधता को देखते हुए इस विस्तारित पीटीए से भारत को काफी लाभ मिलेगा। एलएसी देशों में चिली 2015-16 के दौरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा। वर्ष 2015-16 के दौरान चिली के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इसमें निर्यात 0.68 बिलियन तथा आयात 1.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा।
चिली के लिए भारत का निर्यात विविध प्रकार का है, जिसमें परिवहन उपकरण, दवाइयां, पॉलिएस्टर फाइबर यार्न, टायर और ट्यूब, धातुओं के निर्माण, परिधान वस्तुएं, कार्बनिक, अकार्बनिक और कृषि रसायन, कपड़ा, रेडीमेड कपड़े, प्लास्टिक के सामान, चमड़े की वस्तुएं, इंजीनियरिंग सामान, नकली आभूषण, खेल के सामान और हस्तशिल्प की वस्तुएं शामिल हैं। चिली से आयात की प्रमुख मदों में तांबा अयस्क और आयोडीन, तांबा एनोड, तांबा कैथोड, मोलिब्डेनम अयस्कों और कंसंट्रेट, लिथियम कार्बोनेट और आक्साइड, धातु स्क्रैप, अकार्बनिक रसायन, लुगदी और बेकार कागज, फल और नट्स (काजू को छोड़कर), उर्वरक और मशीनरी शामिल हैं। भारत के चिली के साथ दोस्ताना संबंध हैं। चिली अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ सहयोग कर रहा है और भारत-चिली पीटीए के विस्तार से दोनों देशों के मध्य व्यापार और आर्थिक संबंधों में वृद्धि होगी। पीटीए विस्तार से भारत-चिली संबंधों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और इससे परंपरागत भाईचारे के संबंध और मजबूत होंगे।