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Saturday 24 September 2016 02:50:56 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ब्रिक्स इंडिया 2016 पर ‘सार्वजनिक-निजी क्षेत्र साझेदारी में सर्वोत्तम प्रथाएं एवं ब्रिक्स देशों के दीर्घकालिक बुनियादी ढांचागत वित्त पोषण’ पर आयोजित एक संगोष्ठी में कहा है कि अर्थव्यवस्था के विकास में आधारभूत संरचना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच एक संस्थागत मंच, क्लाउड शेयरिंग तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से सूचना का आदान-प्रदान कर एक क्षेत्रीय ज्ञान बिंदु का काम कर सकता है। अरुण जेटली ने कहा कि भारत में जहां तक बुनियादी ढांचे का संबंध है, राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे जैसे परिवहन क्षेत्रों की परियोजनाएं विशाल आर्थिक गतिविधियों का क्षेत्र होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के वित्त पोषण के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता है, खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, नवीकरणीय ऊर्जा, राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे जैसे क्षेत्रों में।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की नीतियों को रेखांकित किया, जिसमें ‘मेक इन इंडिया’, 100 स्मार्ट सिटी, उदार एफडीआई व्यवस्था जैसी नीतियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे को उच्च प्राथमिकता दे रही है, जिसके लिए एनआईआईएफ जैसे कई नीतिगत फैसले और आरईआईटीएस, आईएनवीआईटीएस आईडीएफ जैसे नए वित्तीय साधनों को अपनाया गया है। उन्होंने वित्त पोषण और बुनियादी परियोजना के वितरण में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच अनुभवों को साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कि ये सामूहिक रूप से सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में उच्च गुणवत्ता और दक्षता प्रदान कर सकें। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि बुनियादी ढांचे में वित्त पोषण समय की मांग है, खासकर स्पष्ट सीमांकित परियोजनाओं के लिए। उन्होंने कहा कि नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बंदरगाहों, राजमार्गों, रेलवे जैसे क्षेत्रों की परियोजनाओं के वित्त पोषण में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
वित्त पोषण संगोष्ठी ने ब्रिक्स देशों के विशेषज्ञों को बुनियादी संरचना विकास, वित्त पोषण और सार्वजनिक-निजी साझेदारी जैसे क्षेत्रों में अनुभवों और विशेषताओं के आदान-प्रदान करने का मंच प्रदान किया है। इसमें तकनीकी सत्रों के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के वित्त पोषण और विनियामक मुद्दे, लंबी अवधि के बुनियादी ढांचे में निवेश, पीपीपी परियोजना के विवरण और अनुबंध प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधि, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और निजी क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी संगोष्ठी में शामिल हुए। इसका आयोजन नई दिल्ली में आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया गया। भारत के पास 2016 में ब्रिक्स की अध्यक्षता है और अक्टूबर 2016 में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। यह समारोह इन्हीं कार्यक्रमों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच निजी-सार्वजनिक भागीदारी और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचागत वित्त पोषण शामिल है।