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Thursday 6 October 2016 04:25:23 AM
नई दिल्ली। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसेन लूंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। प्रधानमंत्री ली हेसेन लूंग का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने सिंगापुर के संस्थापक पिता ली क्वान यूं और सिंगापुर के राष्ट्रपति रहे एसआर नाथन के लिए अपनी शोक संवेदनाएं भी प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि भारत ली क्वान यूं की दूरदृष्टि और विचारों की सराहना करता है, उनके निधन से भारत में भी गहरी शोक की लहर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह यह जानकर खुश हैं कि सिंगापुर असम में कौशल विकास केंद्र के निर्माण में असम सरकार के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का स्वाभाविक सहयोगी है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर के संस्थापक पिता भारत के लिए आदर्श हैं।
राष्ट्रपति ने सीईसीए के समापन के बाद द्विपक्षीय कारोबार बढ़ने पर खुशी जताई। दोनों देशों के बीच 2011-12 में द्विपक्षीय व्यापार 25.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि 2015-16 में घटकर यह 15 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों को मिलकर काम करना होगा, भारत को लेकर इस समय विदेशी निवेशकों का विश्वास काफी बढ़ा हुआ है, निवेश को लेकर भारत सबसे आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर की कंपंनियों को भारत में काम करने का अनुभव है और वे हमारे निवेश परिदृश्य से भली-भांति परिचित हैं, हम उम्मीद करते हैं कि सिंगापुर की अन्य कंपनियां भी भारत में निवेश करेंगी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वैश्विक समुदाय के लिए समान खतरा बन चुके आतंकवाद और कट्टरवाद को लेकर भारत और सिंगापुर दोनों ही चिंतित हैं, भारत तो सीमा पार से हुए आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है। उन्होंने कहा कि इन आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले संगठनों को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिली हुई है, हाल ही में उरी में हुआ आतंकवादी हमला स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि पाकिस्तान में आतंकी ढांचा सक्रिय है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत में हमला करने के मकसद से हथियार बंद आतंकवादी नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय रेखा को लगातार पार करने का प्रयास करते रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि रणनीतिक भागीदार होने के नाते सुरक्षा और आतंकवाद पर सहयोग को व्यापक रूप देना भारत और सिंगापुर दोनों के लिए लाभकारी होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को आतंकवाद से निपटने और इसे सहयोग देने वाले देशों को अलग-थलग करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इस अवसर पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने उरी आतंकवादी हमले की निंदा की और हमले में शहीद हुए सैनिकों के प्रति शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर भी आतंकवाद को लेकर सतर्क है। उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति की कामना की और कहा कि सिंगापुर भारत के साथ अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग करना चाहता है।