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भारत-कोरिया में नया कराधान समझौता

नए समझौते का असर आने वाले वित्तवर्ष में दिखेगा

समझौते का उद्देश्य दोहरे कराधान से मुक्ति दिलाना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 26 October 2016 05:50:25 AM

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियोल यात्रा के दौरान दोहरे कराधान को टालने और आय पर टैक्‍स के संदर्भ में राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम के लिए भारत एवं कोरिया के बीच एक नए संशोधित दोहरा कराधान निवारण समझौता 12 सितंबर 2016 से प्रभावी हो गया है। इस समझौते (डीटीएए) पर 18 मई 2015 को हस्‍ताक्षर किए गए थे। दोनों देशों ने प्रक्रियागत आवश्‍यकताओं को पूरा कर देने के बाद इसे 12 सितंबर 2016 से लागू कर दिया। गौरतलब है कि भारत एवं कोरिया के बीच पूर्ववर्ती दोहरा कराधान निवारण समझौते पर 19 जुलाई 1985 को हस्‍ताक्षर किए गए थे और इसे 26 सितंबर 1986 को अधिसूचित किया गया था।
भारत में इस नए समझौते के प्रावधानों का असर 1 अप्रैल 2017 को शुरू होने वाले वित्‍तवर्ष अथवा उसके बाद के वित्‍तवर्षों में अर्जित होने वाली आय के संदर्भ में लगेगा। नए डीटीएए की कुछ मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं-पूर्ववर्ती डीटीएए में शेयरों पर पूंजीगत लाभ के निवास आधारित कराधान के लिए प्रावधान किया गया था, मगर अब शेयरों पर पूंजीगत लाभ के कराधान से संबंधित भारतीय नीति के अनुरूप ही संशोधित डीटीएए में उस पूंजीगत लाभ के स्रोत आधारित कराधान का प्रावधान किया गया है, जो शेयरों के हस्तांतरण से अर्जित होता है और जिसमें 5 फीसदी से ज्‍यादा शेयर पूंजी शामिल है। निवेश एवं प्रौद्योगिकी के सीमा पार प्रवाह को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से संशोधित डीटीएए में तकनीकी सेवाओं से संबंधित शुल्‍कों अथवा रॉयल्‍टी पर विथहोल्डिंग टैक्‍स की दर को 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने और ब्‍याज आमदनी पर भी विथहोल्डिंग टैक्‍स की दर को 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है।
स्रोत आधारित कराधान की भारतीय नीति के अनुरूप संशोधित डीटीएए के तहत अधीनस्‍थ एजेंट स्थायी प्रतिष्ठान से जुड़े प्रावधानों के दायरे को बढ़ा दिया गया है। भारत और कोरिया के बीच शिपिंग के जरिए वस्‍तुओं की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने और शिपिंग आमदनी के कराधान के अंतर्राष्‍ट्रीय सिद्धांत के अनुरूप संशोधित डीटीएए में इसके अनुच्‍छेद-8 के तहत अंतर्राष्‍ट्रीय यातायात से होने वाली शिपिंग आमदनी के विशिष्‍ट निवास आधारित कराधान का प्रावधान किया गया है। संशोधित डीटीएए का मुख्‍य उद्देश्‍य दोनों देशों के करदाताओं को दोहरे कराधान के बोझ से मुक्ति दिलाना है, ताकि भारत और कोरिया के बीच निवेश, प्रौद्योगिकी एवं सेवाओं के प्रवाह को बढ़ावा देते हुए इसे नई गति प्रदान की जा सके। संशोधित डीटीएए भारत और कोरिया के निवासियों के लिए कर संबंधी निश्चितता प्रदान करता है।

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