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Friday 4 November 2016 04:16:41 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार से प्राप्त संदर्भ पर जमानत से संबंधित मुद्दों पर विधि आयोग गहन विचार-विमर्श कर रहा है। आयोग पुलिस संगठनों से इस संबंध में और जानकारी चाहता है। विधि आयोग के इच्छानुसार पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने अपने मुख्यालय में गोलमेज बैठक आयोजित की। बैठक में केंद्रीय जांच एजेंसियों-केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनसीबी और आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, तमिलनाडु और दिल्ली के पुलिस प्रतिनिधि शामिल हुए। विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ बीएस चौहान और आयोग के तीनों सदस्य न्यायमूर्ति रविआर त्रिपाठी, प्रोफेसर एस शिवकुमार और डॉ संजय सिंह ने चर्चा में भाग लिया। विधि आयोग के सलाहकार और अन्य अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक में जमानत के कानून के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें वर्तमान व्यवस्था के तहत पुलिस के समक्ष आने वाली कठिनाइयां शामिल हैं। इस मुद्दे की जटिलता को कम करने के लिए जमानत देने के मानदंड और शर्तों से संबंधित सिफारिशें की गईं। बैठक में अग्रिम जमानत, जमानत पाने के लिए फर्जी कागजात का उपयोग, जमानत याचिका की सुनवाई में पीड़ित की भूमिका, विदेशियों से संबंधित जमानत और आपराधिक प्रक्रिया कोड की धारा 436(ए) के कार्यांवयन पर भी चर्चा हुई। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक डॉ मीरन सी बोरवांकर, अतिरिक्त महानिदेशक परवेज हयात, निदेशक (प्रशिक्षण), निदेशक (आधुनिकीकरण) और निदेशक (अनुसंधान) भी इस बैठक में उपस्थित थे।