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भारत-ब्रिटेन में बौद्धिक संपदा समझौता

मोदी और थेरेसा आतंकवाद के खिलाफ एकजुट

भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 November 2016 04:51:37 AM

india-uk, the intellectual property agreement

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की उपस्थिति में कल नई दिल्ली में भारत और ब्रिटेन ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग गतिविधियां स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग और ब्रिटेन बौद्धिक संपदा कार्यालय के मध्य हुआ है। समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच नवाचार, सृजनात्मकता और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। समझौता ज्ञापन से विस्तृत और स्थिति के अनुसार ढालने योग्य ढांचा स्थापित किया जाएगा, जिससे दोनों देश सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली साझा कर सकेंगे, इसके साथ ही बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में दोनों देश मिल जुलकर कार्य कर सकेंगे। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई, जिसमें आतंकवाद जैसे और भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच दो समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
समझौता ज्ञापन के अनुसार जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान की गई है, उनमें दोनों देशों के नागरिकों, व्यापारियों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच बौद्धिक संपदा जागरुकता बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली, अनुभवों और ज्ञान का आदान-प्रदान करना, प्रशिक्षण कार्यक्रमों मे सहयोग, विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, तकनीकी सहयोग और विस्तृत गतिविधियां, बौद्धिक संपदा पर ज्ञान, अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का औद्योगिक क्षेत्र, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान और विकास संगठनों और लघु तथा मध्यम उद्यमियों के साथ कार्यक्रमों में भागीदारी कर आदान-प्रदान और प्रसार करना, एकस्व अधिकार पत्र, व्यावसायिक चिन्ह, औद्योगिक प्रारूप और भौगोलिक संकेतकों के निपटान के आवेदनों की प्रकिया के साथ-साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रयोग, प्रवर्तन और संरक्षण पर सूचना और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान करना, बौद्धिक संपदा में सूचना प्रणाली, नवीन प्रलेखन, स्वचालन के विकास में सहयोग और नवीनीकरण परियोजनाओं के कार्यांवयन और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन की प्रकिया में आपसी सहयोग, परपंरागत ज्ञान के संरक्षण को समझने पर सहयोग, परपंरागत ज्ञान संबंधी आंकड़ों और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। यह शिखर सम्‍मेलन दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के द्विपक्षीय आर्थिक संबंध के नए अध्‍याय को सृजित करने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गत वर्ष ब्रिटेन दौरे के दौरान इस शिखर सम्मेलन की घोषणा में की थी और इसका आयोजन भारत में लगभग एक वर्ष बाद हुआ है। कार्यक्रम से व्‍यापार को एक मंच, नए संबंधों को विस्‍तार और भविष्‍य की प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने का एक अवसर प्राप्‍त हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिटेन प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में अपनी शक्ति के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत अपने बाजार, कुशल मानव संसाधन और प्रतिस्‍पर्धात्‍मक आर्थिक वातावरण के चलते विशाल अवसर प्रदान करता है, भारत और ब्रिटेन के बीच अत्‍याधिक सफल भागीदारी का एक अटूट गठबंधन है।
शिखर सम्‍मेलन के दौरान मुख्‍य रूप से अग्रिम निर्माण और रोबॉटिक्‍स, जैविक विज्ञान और स्‍वास्‍थ्‍य तथा स्‍मार्ट सिटी पर विशेष रूप से ध्‍यान केंद्रित किया गया, इसके साथ ही उच्‍च शिक्षा, डिजाइन, बौद्धिक संपदा, नवाचार और उद्यमशीलता पर भी ध्‍यान केंद्रित किया गया। शिखर सम्‍मेलन में दोनों देशों के मंत्री, सरकारी अधिकारी, प्रमुख व्यापारिक नेताओं के साथ-साथ इन क्षेत्रों में महारत रखने वाले प्रतिष्ठित शैक्षणिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। सम्मेलन में भारत के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी शक्ति के प्रदर्शन पर चर्चा हुई, जो दोनों देशों के प्रौद्योगिकी श्रेष्‍ठता को प्रदर्शित करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को और सशक्‍त करता है। शिखर सम्‍मेलन का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय उद्योग परिसंघ और नई दिल्‍ली में ब्रिटेन उच्‍चायोग ने संयुक्‍त रूप से किया। शिखर सम्‍मेलन में भारत और ब्रिटेन ने आपसी व्‍यापार में वृद्धि के लिए संयुक्‍त कार्यकारी समूह गठित करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच दो समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। रक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी भारत और ब्रिटेन के बीच आपसी सहमति बनी। दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के कई अहम मसलों पर बात हुई, जिसमें व्यापार और निवेश से लेकर रक्षा सुरक्षा सहयोग और आतंकवाद से लेकर साइबर स्पेस में साझेदारी तक शामिल थे। दोनों ने सबसे ज्यादा जोर व्यापार पर दिया। आतंकवाद से मुकाबले के लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को संपूर्ण मानवता के लिए खतरा करार दिया। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरिजा मे ने कहा कि भारत और ब्रिटेन दोनों समान रूप से आतंकवाद के खतरे को झेल रहे हैं, इसलिए एकजुट होकर मुकाबला करना जरूरी है। उन्होंने लोकतंत्र और आज़ादी के मूल्यों की रक्षा के लिए विश्व समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा कि उनकी भारत यात्रा दोनों मुल्कों के बीच मज़बूत होते संबंधों का प्रमाण है। प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बेंगलूरू के तकनीकी हब का दौरा किया। वे एक आदर्श सरकारी प्राथमिक स्‍कूल का दौरा करने के साथ-साथ कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया से भी मिलीं।

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