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Wednesday 5 April 2017 10:44:49 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार में वित्तमंत्री अरुण जेटली और ब्रिटेन के वित्तमंत्री फिलिप हैमंड ने नई दिल्ली में हुई नौवीं ब्रिटेन-भारत आर्थिक और वित्तीय वार्ता में इस बात पर विचार किया है कि ब्रिटेन में अनुच्छेद 50 के लागू किए जाने के बावजूद, भारत और ब्रिटेन किस तरह मौजूदा आर्थिक भागीदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं, ताकि नवंबर 2016 में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री थेरेसा मे की महत्वपूर्ण भारत-ब्रिटेन साझेदारी को मूर्तरूप देने के लिए परस्पर व्यापार और निवेश को भी ज्यादा बढ़ाया जा सके।
वित्तमंत्री अरुण जेटली और ब्रिटेन के वित्तमंत्री फिलिप हैमंड ने कहा है कि भारत और ब्रिटेन इस बात से सहमत हैं कि वैश्विकरण का विश्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और दोनों देश मुक्त बाज़ारों और मुक्त व्यापार के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश जी-20, आईएमएफ, विश्व बैंक और अन्य बहुराष्ट्रीय निकायों में सहयोग सुदृढ़ करने के लिए मिलकर काम करने का वायदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने सहमति व्यक्त की है कि वे भारत-ब्रिटेन आर्थिक नीति एवं समृद्ध साझेदारी, आर्थिक ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और निवेश तेजी से बढ़ रहा है और दोनों देश इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक-दूसरे देश में विदेशी निवेशक के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि दोनों देशों ने तय किया है कि अगली वार्ता 2018 में लंदन में आयोजित की जाएगी।