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Tuesday 3 July 2018 02:21:55 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने एक वर्ष में निरंतर प्रयास करके नगरीय विकास को सही दिशा दी है और स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना आदि के माध्यम से नगरों को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगरीय विकास को तीव्र और प्रभावी बनाने के लिए नगरीय निकायों के सहयोग और समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर 2018 तक सभी नगर निकाय ओडीएफ का लक्ष्य प्राप्त कर लें, अन्यथा सम्बंधित की जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगरीय प्रशिक्षण, शोध केंद्र एवं स्थानीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश के लोकार्पण कार्यक्रम में ये बातें कहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के नगरीय निकायों के सम्बंधित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को स्वच्छ उत्तर प्रदेश पुरस्कार-2018 भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 10 लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में सर्वाधिक गतिशील शहर के रूपमें राष्ट्रीय स्तर पर नगरनिगम गाजियाबाद, 3 लाख से 10 लाख जनसंख्या की श्रेणी में नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रथाएं हेतु सर्वोत्तम शहर के रूपमें राष्ट्रीय स्तर पर नगरनिगम अलीगढ़ और जोनल स्तर पर नॉर्थ जोन में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु सर्वोत्तम शहर के रूपमें जनपद झांसी की नगरपालिका परिषद समथर के चयन के लिए सम्बंधित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त 3 से 10 लाख की जनसंख्या के अंतर्गत नगरनिगम वाराणसी, झांसी, कानपुर एवं आगरा, 1 लाख से कम जनसंख्या के नगर निकायों के अंतर्गत बिजनौर की नगरपंचायत सहानपुर, शामली की नगर पंचायत बनात, झांसी की नगरपंचायत एरिच, आगरा की नगर पंचायत दयालबाग और बिजनौर की नगरपालिका परिषद अफज़लगढ़ के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को सम्मानित किया गया। राज्य के बेस्ट डिस्ट्रिक्ट के रूपमें जनपद बिजनौर के लिए जिलाधिकारी बिजनौर को तथा ‘क्यूसीआई सर्टिफाइड फॉर ओडीएफ’ के लिए जनपद बिजनौर की नगरपालिका परिषदों किरतपुर, बिजनौर, शेरकोट, स्योहरा, नगीना, नजीबाबाद, नहटौर तथा नगर पंचायतों मंडावर, झालू, सहसपुर तथा बुलंदशहर की नगरपंचायत खानपुर के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छता का अर्थ घर, सड़क, पार्क, खाली प्लाट आदि सभी के साफ होने से है, इसके लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नीति बनाई है, नगर निकायों को नीति के अनुरूप कार्य करना चाहिए। नगर विकास विभाग को 15 जुलाई 2018 से सभी 653 नगर निकायों में 50 माइक्रॉन से अधिक की पॉलिथीन को प्रतिबंधित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इससे स्वच्छता अभियान को बड़ा फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकाय स्वायत्त संस्थाएं हैं, किंतु इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है और यह राज्य सरकार पर निर्भर हो गई हैं, जिससे स्मार्ट सिटी, अमृत आदि योजनाओं में अपने योगदान में ये असहाय नज़र आती हैं, जबकि इन संस्थाओं को पर्याप्त अधिकार हासिल हैं। उन्होंने कहा कि अपनी आय बढ़ाने के लिए नगरीय निकायों को अपनी टैक्स पद्धति में सुधार लाना चाहिए और ऑनलाइन टैक्स जमा प्रणाली इसमें उपयोगी साबित हो सकती है।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेशभर की नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को यहां इसलिए बुलाया गया है कि पुरस्कृत हो रहे नगर निकायों से प्रेरणा लेकर वे भी अपने निकायों के तीव्र विकास के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज पर राज्य में भी स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाएगा, यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण से ठीक पहले अक्टूबर-नवम्बर माह में सम्पन्न होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव, विभिन्न नगर निगमों के महापौर, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, नगर विकास विभाग के सलाहकार केशव वर्मा, जल निगम के अध्यक्ष जीबी पटनायक, नगरपालिका वित्तीय संसाधन बोर्ड के अध्यक्ष राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह, नगर आयुक्त, नगर पंचायतों के अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी भी मौजूद थे।