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Thursday 5 July 2018 01:17:24 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर बहुत तेज़ी से कार्य चल रहा है, इसपर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2 अक्टूबर 2018 तक उत्तर प्रदेश को खुले में शौचमुक्त यानी ओडीएफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसलिए सभी जिलाधिकारी निर्धारित तिथि के अनुरूप इस लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी इसमें व्यक्तिगत रुचि लें और इस कार्य को अभियानपूर्वक पूरा करें। मुख्यमंत्री ने सचिवालय के तिलक हॉल में जिलाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा एवं ओडीएफ रणनीति पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रही हैं, ऐसे में शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि तक पूरा कराया जाए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की प्रगति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर सतत समीक्षा कर रहे हैं और उन्होंने भी पाया है कि यूपी में ग्रामीण स्वच्छता मिशन पर उल्लेखनीय काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों से कहा कि यूपी में शौचालय निर्माण के लिए मनरेगा और सीएसआर के तहत उपलब्ध धनराशि के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि पाया गया है कि कहीं-कहीं पर इस कार्य में इन दोनों मदों में उपलब्ध धन का प्रयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने निर्देशित किया कि वे धनराशि उपयोग का प्रमाण पत्र भी शासन को शीघ्र उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण योजना ऐसी योजनाएं हैं, जिससे बड़ी संख्या में जनता लाभांवित होगी, ऐसे में जिलाधिकारियों को इन योजनाओं को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे, उन्हें अपने-अपने जनपदों में टीम बनाकर इन योजनाओं को लागू करवाना होगा, इसके अलावा जनहितकारी योजनाओं और अभियानों को लागू करवाकर उनकी सफलता भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में लोगों को स्वयं के खर्चे से ‘इज्जत घर’ यानी शौचालय के निर्माण के लिए प्रेरित करें।
डीएम एसपी को मुख्यमंत्री की चेतावनी
योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों के सामने जनपदों के और भी मुद्दे उठाए। उन्होंने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था पर कहा कि जिलाधिकारी जनपद के विकास और जन समस्याओं के समाधान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों और गांवों तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है, उन्हें हर हाल में इस जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में हो रही विभिन्न अवैध गतिविधियों को भी रोकें, जैसे-कई जनपदों से अवैध बूचड़खानों के संचालन की शिकायतें मिल रही हैं, उनको बंद करवाना सुनिश्चित करें, अवैध वसूली, सरकारी जमीनों पर माफियाओं के अवैध कब्जे, अवैध खनन इत्यादि को रोका जाए, जिलाधिकारी अपने जनपद में कार्यरत विभिन्न कार्यालयों और कार्यदायी स्थलों का औचक निरीक्षण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी जनपद का विस्तृत दौरा सुनिश्चित करे और जनपदों में खाद्यान्न चोरी को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेल में बंद अपराधियों की गतिविधियों की लगातार मॉनीटरिंग की जाए, ताकि वे जेल के अंदर से बाहर की आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हो पाएं। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जन शिकायतें तहसील और थानों के स्तर से आ रही हैं, इनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को स्वयं तो पूरी प्रतिबद्धता से काम करना ही होगा, अपने मातहतों से भी ठीक से काम कराना होगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी लगातार तहसीलों का दौरा करें, वहां मौजूद रजिस्टर चेक करें और भूमि विवाद एवं चकबंदी विवाद के मामलों का समयबद्ध प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यालयों एवं कलेक्ट्रेट में कार्यरत कर्मचारियों की शिकायतें मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। विभिन्न जनपदों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों से मिलने वाली धन उगाही की शिकायतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
योगी आदित्यनाथ ने साफतौर पर उल्लेख किया कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में संगठित अपराध पर काफी हदतक नियंत्रण पाया गया है, परंतु जनपदों की तहसीलों और थानों पर स्थितियां ठीक नहीं हैं, जिन्हें ठीक करना होगा। उन्होंने दोहराया कि गांवों में ज्यादातर मामले भूमि विवाद से सम्बंधित होते हैं, इनके समाधान के लिए गांव स्तर पर भूमि वादों का सर्वे कराया जाए और उनका समाधान सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी सहित जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी एसएसपी, एसपी, मुख्य विकास अधिकारी अपनी कार्यप्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिले में भ्रमण करें और एक साथ जिला न छोड़े, कमिश्नरी मुख्यालय पर जिलाधिकारी या मंडलायुक्त, डीआईजी में से कोई एक अधिकारी अपने कार्यालय पर अवश्य मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने श्रावण माह में होने वाली कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि जिलाधिकारी पूरी सुरक्षा के साथ इसकी तैयारियां करें। उन्होंने कहा कि सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत जाम की समस्या से निजात पाने के लिए फेरी नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
विकास की झूंठी रिपोर्टिंग पर कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास योजनाओं की प्रगति की गलत रिपोर्टिंग न की जाए, गुमराह न किया जाए, सिर्फ सही तथ्य ही प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान किया जाए और प्रोटोकॉल को ठीक से फॉलो किया जाए, ऐसा न करने वाले अधिकारियों को कोई क्षमा नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मीडिया की उन रिर्पोटों का कड़ा संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों और जनसामान्य या सिविल सोसायटी के नागरिकों की डीएम, एसपी, तहसील, थानों पर भारी उपेक्षा होती है, उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है और कहीं-कहीं तो प्रशासन और इनके बीच ईगो का टकराव देखने और सुनने को मिलता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को अपने को जनता के उन्मुख बनाना होगा, जहां जनता के हित सर्वोपरि हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में कराए जा रहे अच्छे कार्यों को मीडिया में हाईलाइट किया जाए और साथ ही सोशल मीडिया पर भी उन्हें शेयर किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मीडिया में गलत समाचारों का फौरन खंडन किया जाए और सम्बंधित समाचार पत्र अथवा इलेक्ट्रॉनिक चैनल को सही तथ्य उपलब्ध कराए जाएं। योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत जनपद में कराने जाने वाले कार्यों को गति देने का और कितना काम हुआ है, समय-समय पर यह बताना होगा। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वे लोगों को नदियों में शव प्रवाहित करने से रोकने के लिए एक जागरुकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस यानी जेई, एई के विरुद्ध 2 जुलाई 2018 से संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है, जिलाधिकारी अपने-अपने जनपद में इसकी सफलता के लिए प्रभावी कार्य करें। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल की संक्रमण बीमारियों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय कराएं। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को बांध-बंधों का निरीक्षण करते रहने और सिंचाई विभाग के समन्वय से आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय ने भी समीक्षा बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा जिलाधिकारियों को प्रस्तुत की गई जनशिकायतों का प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस सम्बंध में गलत रिपोर्ट बिल्कुल नहीं लगाई जाए, अन्यथा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण कार्य की सफलता के लिए टीम गठित की जाए और कार्य की लगातार मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों से सीएसआर की बैठक करने की भी अपेक्षा की। अपर मुख्य सचिव सूचना, पर्यटन एवं यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का प्रधानमंत्री द्वारा शीघ्र शिलान्यास प्रस्तावित है, ऐसे में जिन जनपदों में अभी भूमि का अधिग्रहण लम्बित है, उसे तीव्र गति से पूरा किया जाए। अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट फाइनल किया जा चुका है, अब इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु होगी, जिसमें जिलाधिकारियों को विशेष रुचि लेनी होगी।
अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के तहत डिफेंस कॉरिडोर का भी निर्माण किया जाना है, ऐसे में इस सम्बंध में भूमि अधिग्रहण से पहले बैठक की जाए। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए भी भूमि का शीघ्र ही अधिग्रहण किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपने-अपने जनपदों में मौजूद पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों को चिन्हित करते हुए जानकारी उपलब्ध कराने को कहा, ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। बैठक को प्रमुख सचिव नगर विकास एमके सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ प्रशांत त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज आरके तिवारी और निदेशक पंचायतीराज एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) आकाश दीप ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में ओडीएफ के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण भी दिया, इनमें इटावा, फर्रुखाबाद, कौशाम्बी तथा बुलंदशहर के जिलाधिकारी शामिल थे। श्रावस्ती, हापुड़, रायबरेली इत्यादि जनपदों के जिलाधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं के तहत अपने जनपदों की उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर खाद एवं रसद विभाग ने धान क्रय, गेहूं क्रय तथा खाद्यान्न क्रय के सम्बंध में प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में पंचायतीराज राज्यमंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।